विवि द्वारा तैयार बाजरा की संकर किस्म को लेकर किसान उत्साहित हैं। दईकड़ा के सरपंच रघुनाथ व प्रगतिशील किसान मोहनराम सारण ने बताया कि बाजरे की एमपीएमएच-17 गांव के लिए वरदान साबित हुई है। बाजरे की इस किस्म से पैदावार का रिकॉर्ड टूट जाएगा, क्योंकि इस तरह की ज्यादा उत्पादन वाली फ सल 50-60 साल में पहली बार देखने को मिली है।
सीड हब बनेंगे
हाल ही में, केन्द्र सरकार ने बाजरा की सर्वाधिक उत्पादकता को देखते हुए राजस्थान में दो सीड हब बनाने का निर्णय किया है। इनमें से एक जोधपुर व दूसरा सुमेरपुर में बनेगा। सीड हब में बाजरा की विभिन्न किस्मों, उनकी गुणवत्ता सुधार, उन्नत बीज उत्पादन व वितरण का काम होगा। पूरे देश में बाजरे का करीब 70-90 लाख हैक्टेयर क्षेत्र है। इनमें सर्वाधिक बाजरा राजस्थान में करीब 50 लाख हैक्टेयर क्षेत्र में होता है।
विवि वैज्ञानिकों ने लिया जायजा
कृषि विवि के वैज्ञानिकों ने विवि कुलपति डॉ. बलराजसिंह के साथ दईकड़ा सहित अन्य गांवों का दौरा किया। डॉ. बलराज सिंह ने बताया कि बाजरे की विवि द्वारा विकसित एमपीएमएच-17, एमपीएमएच- 21 आदि से अच्छे परिणाम आए हैं। डॉ. ईश्वरसिंह ने बताया कि विवि उन्नत बीज के साथ-साथ नवीनतम कृषि तकनीकी ज्ञान, प्रशिक्षण व प्रदर्शनियों का आयोजन कर किसानों को प्रोत्साहित कर रहा है। इस दौरान, डॉ. सेवाराम कुमावत, डॉ. महेन्द्र कुमार, डॉ. मोतीलाल मेहरिया सहित 300 किसान मौजूद थे।