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किसानों को मालामाल कर देगी बाजरा की हाइब्रिड किस्म

locationजोधपुरPublished: Sep 22, 2018 02:31:37 am

Submitted by:

jitendra Rajpurohit

– कृषि विवि ने तैयार की बाजरा की एमपीएमएच-17 किस्म
– जिले के कई क्षेत्रों में किसान ने पहली बार लगाई बाजरा की यह किस्म- प्रति हैक्टेयर 30 से 35 क्विंटल उपज की संभावना

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किसानों को मालामाल कर देगी बाजरा की हाइब्रिड किस्म

जोधपुर. मण्डोर स्थित कृषि विश्वविद्यालय में तैयार बाजरा की हाइब्रिड किस्म एमपीएमएच-17 किस्म पौष्टिकता व गुणवत्ता के कारण किसानों को मालमाल कर देगी। जिले के केवल दईकड़ा गांव में 300 किसानों ने एक हजार हैक्टेयर में संकर बीज एमपीएमएच-17 की बुवाई कर रखी है। इस क्षेत्र में बोई गई बाजरा की अन्य किस्मों से इस संकर किस्म से दुगुनी उपज प्रति हैक्टेयर करीब 30-35 क्विंटल होने की संभावना है। यह किस्म पश्चिमी राजस्थान के सूखाग्रस्त क्षेत्रों में अधिक उत्पादन देने में सक्षम है। जिले में कम बारिश के बावजूद खेतों में अच्छी फसल खड़ी है। यह 80 दिन में पककर तैयार हो गई। इस किस्म का सिट्टा बालों युक्त तथा दाना पीला-भूरा गोलाकार और खाने में स्वादिष्ट है। इसकी खड़ी फ सल में सिट्टों में चिडिय़ों द्वारा नुकसान की संभावना भी न के बराबर है। दईकड़ा के अलावा आसपास के कई गांवों में किसानों ने एमपीएमएच-17 की बुवाई कर रखी है। नई किस्म में आयरन व जिंक तत्वों की अधिकता पाई गई। जो कुपोषण को समाप्त करने में कारगर साबित होगी।
विवि द्वारा तैयार बाजरा की संकर किस्म को लेकर किसान उत्साहित हैं। दईकड़ा के सरपंच रघुनाथ व प्रगतिशील किसान मोहनराम सारण ने बताया कि बाजरे की एमपीएमएच-17 गांव के लिए वरदान साबित हुई है। बाजरे की इस किस्म से पैदावार का रिकॉर्ड टूट जाएगा, क्योंकि इस तरह की ज्यादा उत्पादन वाली फ सल 50-60 साल में पहली बार देखने को मिली है।
सीड हब बनेंगे
हाल ही में, केन्द्र सरकार ने बाजरा की सर्वाधिक उत्पादकता को देखते हुए राजस्थान में दो सीड हब बनाने का निर्णय किया है। इनमें से एक जोधपुर व दूसरा सुमेरपुर में बनेगा। सीड हब में बाजरा की विभिन्न किस्मों, उनकी गुणवत्ता सुधार, उन्नत बीज उत्पादन व वितरण का काम होगा। पूरे देश में बाजरे का करीब 70-90 लाख हैक्टेयर क्षेत्र है। इनमें सर्वाधिक बाजरा राजस्थान में करीब 50 लाख हैक्टेयर क्षेत्र में होता है।
विवि वैज्ञानिकों ने लिया जायजा
कृषि विवि के वैज्ञानिकों ने विवि कुलपति डॉ. बलराजसिंह के साथ दईकड़ा सहित अन्य गांवों का दौरा किया।

डॉ. बलराज सिंह ने बताया कि बाजरे की विवि द्वारा विकसित एमपीएमएच-17, एमपीएमएच- 21 आदि से अच्छे परिणाम आए हैं। डॉ. ईश्वरसिंह ने बताया कि विवि उन्नत बीज के साथ-साथ नवीनतम कृषि तकनीकी ज्ञान, प्रशिक्षण व प्रदर्शनियों का आयोजन कर किसानों को प्रोत्साहित कर रहा है। इस दौरान, डॉ. सेवाराम कुमावत, डॉ. महेन्द्र कुमार, डॉ. मोतीलाल मेहरिया सहित 300 किसान मौजूद थे।

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