पुलिस अधीक्षक (एसीबी) डॉ विष्णु कांत ने बताया कि जोधपुर डिस्कॉम के जैसलमेर में अधीक्षण अभियंता शंकरलाल सुखाडिय़ा को पन्द्रह हजार रुपए रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया गया है। यह कार्रवाई जैसलमेर में एसई के सरकारी आवास पर की गई है। पन्द्रह हजार रुपए के अलावा दस हजार रुपए आरोपी ने शिकायत के गोपनीय सत्यापन के दौरान ही ले लिए थे। जबकि शेष पच्चीस हजार रुपए कृषि कनेक्शन होने के बाद लिए जाने थे।
यह कार्रवाई जैसलमेर के फतेहगढ़ तहसील के तेजमालता गांव निवासी भोम सिंह की शिकायत पर की गई है। उसका आरोप है कि उसने, उसकी माता, भाई व परिवार के अन्य सदस्यों ने तेजमालता गांव में पांच कृषि कनेक्शन के लिए आवेदन कर रखा है। सभी की डिमाण्ड राशि भी कराई जा चुकी है। अब विद्युत कनेक्शन के लिए सामग्री व उपकरण आदि जारी करने की एवज में प्रति कनेक्शन दस हजार रुपए के हिसाब से पचास हजार रुपए मांगे गए। अभियंता ने पच्चीस हजार रुपए कनेक्शन से पहले और शेष कनेक्शन होने पर लेना तय किया। इसकी शिकायत उसने एसीबी की जैसलमेर चौकी में की। गोपनीय सत्यापन कराए जाने पर आरोपी अधीक्षण अभियंता ने दस हजार रुपए ले लिए और पन्द्रह हजार रुपए की मांग करने की पुष्टि हुई। इस पर परिवादी भोम सिंह को रिश्वत राशि देने के लिए एसई के जैसलमेर स्थित सरकारी आवास पर भेजा गया, जहां पर उसने एसई को पन्द्रह हजार रुपए बतौर रिश्वत दिए। तभी इशारा मिलते ही एसीबी की जैसलमेर चौकी के प्रभारी उपाधीक्षक अनिल पुरोहित ने वहां दबिश देकर एसई शंकरलाल सुखाडिय़ा को पन्द्रह हजार रुपए रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया।