scriptसुनील ही रहेंगे जेएनवीयू छात्रसंघ अध्यक्ष, 50 दिनों की उठापटक के बाद ये हैं निर्णय की खास बातें | sunil choudhary declared as the president of JNVU student union | Patrika News

सुनील ही रहेंगे जेएनवीयू छात्रसंघ अध्यक्ष, 50 दिनों की उठापटक के बाद ये हैं निर्णय की खास बातें

locationजोधपुरPublished: Nov 01, 2018 10:17:33 am

Submitted by:

Harshwardhan bhati

सभी 38 पदाधिकारियों को चुनावी खर्च जमा नहीं करवाने पर विवि की मौन माफी

jnvu student union elections

jnvu, JNVU election, JNVU student union election, jnvu student union, jnvu student union news, mool singh rathore setrawa, abvp, NSUI, Sunil Choudhary, JNVU vice chancellor, jodhpur news, jodhpur news in hindi

गजेंद्र सिंह दहिया/जोधपुर. जयनारायण व्यास विश्वविद्यालय में पिछले ५० दिन से चल रहा छात्रसंघ चुनाव विवाद बुधवार शाम खत्म हो गया। कुलपति प्रो. गुलाब सिंह चौहान ने निर्णय देते हुए सुनील चौधरी के छात्रसंघ अध्यक्ष पर मोहर लगा दी। साथ ही निर्धारित समय सीमा में चुनावी खर्च का ब्यौरा विवि में जमा नहीं करवाने वाले छात्र संसद के सभी 38 पदाधिकारियों को मौन माफी दे दी गई। चुनाव में 9 वोट से हारे एबीवीपी के मूलसिंह की सभी आपत्तियां और अपील खारिज कर दी गई, लेकिन उनका नामांकन खारिज करने की विवि की ग्रीवेंस रिड्रेसल कमेटी की अनुशंसा को नहीं माना गया है। मूल सिंह का नामांकन वैध रहेगा। इसके बाद मूल सिंह ने विवि के निर्णय के विरुद्ध हाईकोर्ट में जाने का फैसला किया है। कुलपति प्रो. चौहान ने मूल सिंह की अपील पर यह निर्णय बीस दिन बाद बुधवार शाम 5.30 बजे किया। 21 पन्नों का यह निर्णय हाथों-हाथ विवि की वेबसाइट पर भी अपलोड कर दिया गया। अब शुक्रवार से विवि में दिवाली का शैक्षणिक अवकाश शुरू हो रहा है।
कुलपति प्रो. चौहान के निर्णय की खास बातें


– विवि की छात्रसंघ चुनाव प्रक्रिया को सही व पारदर्शी माना।


– ग्रीवेंस रिड्रेसल सैल द्वारा मूलसिंह की ३० आपत्तियों को खारिज करने का निर्णय सही माना।

– सैल द्वारा सुनील चौधरी की अपील पर मूल सिंह का नामांकन खारिज करने के निर्णय को नहीं माना। मूल सिंह का नामांकन वैध। कुलपति ने कहाकि ग्रीवेंस रिड्रेसल सैल के समक्ष ५ सितम्बर को मूल सिंह के नामांकन पर आपत्ति के बावजूद उसने मूल सिंह को चुनाव लडऩे के लिए वैध माना था।

– मूलसिंह की ओर से कुलपति को सुनील चौधरी द्वारा तय सीमा में चुनावी खर्च जमा नहीं करवाने पर उसका नामांकन शून्य करने की आपत्ति दी थी। कुलपति ने निर्णय देते हुए कहा कि वे केवल अपीलीय अधिकारी है और अपील ही सुनेंगे। मूल सिंह की मूल आपत्तियां केवल ३० थी, जिसमें यह मुद्दा नहीं था।
अब तक यूंं चला मामला

जेएनवीयू में छात्रसंघ के लिए १० सितम्बर को मतदान और ११ सितम्बर को मतगणना हुई थी। अपेक्स अध्यक्ष पद पर ९ वोट से एनएसयूआई के सुनील चौधरी जीत गए। एबीवीपी प्रत्याशी मूल सिंह ने मतपेटियों में गायब हुए ३३ मत, खारिज किए गए ५६८ मत, विवि के कुछ शिक्षकों के बार-बार मतगणना कक्ष में घुसने, ठेकाकर्मी द्वारा मत गिनने सहित ३० बिंदुओं पर विवि की ग्रीवेंस रिड्रेसल सैल (छात्रसंघ चुनाव के मामले में विवि का कोर्ट) को आपत्तियां दी। सैल के समक्ष सुनील चौधरी ने भी मूल सिंह पर पांच साल पहले परीक्षा में नकल व सजा का मामला उठाकर नामांकन खारिज करने की मांग की थी। सैल ने २२ सितम्बर को ७ घण्टे की लम्बी सुनवाई के बाद २६ सितम्बर को अपना निर्णय देते हुए मूल सिंह की सभी ३० आपत्तियों को खारिज कर दिया और सुनील की आपत्ति पर मूलसिंह का नामांकन खारिज करने की अनुशंषा की गई। मूल सिंह ने इस निर्णय के विरुद्ध कुलपति के पास अपील दायर की। प्रो. चौहान ने ११ अक्टूबर को दो घण्टे तक मूल सिंह की अपील सुनी और ३१ अक्टूबर को अपना निर्णय सुना दिया।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो