सुभाष अब तक 17 से अधिक देशी-विदेशी कार्टून सीरिज पर काम कर चुके हैं, इनमें करीब 5 से अधिक सीरिज अन्तरराष्ट्रीय स्तर की है। इनमें एक जंगल बुक, मार्बल की आइरन मैन, फ्रांस की मूवी प्रोडिजिस कार्टून की सीरिज में सदस्य के रूप में काम कर चुके हैं। इसके अलावा राष्ट्रीय स्तर के शिवा, वीर और शेख चिल्ली जैसे कई कार्टून सीरिज में भी काम किया है। वर्तमान में मोटू-पतलू और शिवा अन्य प्रोजेक्ट से जुड़े हुए हैं।
जॉब छोड़ शुरू किया काम सुभाष को वर्ष 2009 में जयपुर से एनिमेशन में डिप्लोमा करने के बाद 5300 रुपए सैलेरी पर हैदराबाद की कंपनी में प्लेसमेंट मिला। करीब 6 साल तक जॉब के दौरान एनिमेशन के कई गुर सीखे। वर्ष 2016 में सुभाष ने जॉब छोडकऱ जोधपुर में खुद का काम शुरू किया।
आउटसोर्स के लिए भारत पसंदीदा जगह
वर्ष 2021 तक एनिमेशन इंडस्ट्री 131.7 बिलियन तक पहुंच जाएगी। अमरीका, कनाडा, ब्रिटेन, फ्रांस, एशियाइ देशों के लिए भारत एनिमेशन से जुड़े प्रोडक्ट्स की आउटसोर्सिंग के लिए पसंदीदा जगह बन चुका है। पहले एनिमेशन सिर्फ कार्टून तक ही सीमित था वह अब मूवी, एडवरटाइजमेंट्स, न्यूज, मेडिकल, आर्किटेक्ट, एजुकेशन फ ील्ड में भी यूज हो रहा है। इससे एनिमेटर्स की डिमांड कई गुना बढ़ गई है। सुभाष ने बताया कि जोधपुर के एनिमेशन हब बनने की ओर यह पहला कदम है। यह एक बड़ी इंडस्ट्री है, जिसमें आने वाले समय में बहुत डिमाण्ड होगी। वह जोधपुर के स्टूडेंट्स को ट्रेंड कर रहे है ताकि वे एनिमेटर बनकर क्रिएटिविटी दिखा सके।
वर्ष 2021 तक एनिमेशन इंडस्ट्री 131.7 बिलियन तक पहुंच जाएगी। अमरीका, कनाडा, ब्रिटेन, फ्रांस, एशियाइ देशों के लिए भारत एनिमेशन से जुड़े प्रोडक्ट्स की आउटसोर्सिंग के लिए पसंदीदा जगह बन चुका है। पहले एनिमेशन सिर्फ कार्टून तक ही सीमित था वह अब मूवी, एडवरटाइजमेंट्स, न्यूज, मेडिकल, आर्किटेक्ट, एजुकेशन फ ील्ड में भी यूज हो रहा है। इससे एनिमेटर्स की डिमांड कई गुना बढ़ गई है। सुभाष ने बताया कि जोधपुर के एनिमेशन हब बनने की ओर यह पहला कदम है। यह एक बड़ी इंडस्ट्री है, जिसमें आने वाले समय में बहुत डिमाण्ड होगी। वह जोधपुर के स्टूडेंट्स को ट्रेंड कर रहे है ताकि वे एनिमेटर बनकर क्रिएटिविटी दिखा सके।