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खुद की बिजली खुद ही बना रहा है भोपालगढ़ कॉलेज

locationजोधपुरPublished: Sep 22, 2018 11:06:10 pm

Submitted by:

pawan pareek

भोपालगढ़ (जोधपुर). एक ओर जहां अधिकांश विभागों के सरकारी कार्यालयों में बिजली के बिल पेटे डिस्कॉम के लाखों रुपए बकाया हैं और डिस्कॉम की ओर से बार-बार लिखे जाने के बावजूद भी कई सरकारी कार्यालय बकाया बिजली के बिल नहीं भर पा रहे हैं।

Solar energy production  in Bhopalgarh college

खुद की बिजली खुद ही बना रहा है भोपालगढ़ कॉलेज

भोपालगढ़ (जोधपुर). एक ओर जहां अधिकांश विभागों के सरकारी कार्यालयों में बिजली के बिल पेटे डिस्कॉम के लाखों रुपए बकाया हैं और डिस्कॉम की ओर से बार-बार लिखे जाने के बावजूद भी कई सरकारी कार्यालय बकाया बिजली के बिल नहीं भर पा रहे हैं।

वहीं दूसरी ओर भोपालगढ़ कस्बे में स्थित श्री परसराम मदेरणा राजकीय पीजी कॉलेज बिजली को लेकर पूरी तरह से आत्मनिर्भर बन गया है। इससे अब महाविद्यालय प्रबंधन को ना तो बिजली का बिल भरने का चिंता रहती है और ना ही बार-बार पावर कट होने की समस्या ही झेलनी पड़ती है। यह सब संभव हो पाया है, रूसा के तहत महाविद्यालय में सोलर पैनल लगाए जाने के बाद। जिसके चलते अब यहां सौर ऊर्जा से बिजली पैदा की जाती है और महाविद्यालय विद्युत आपूर्ति को लेकर पूरी तरह से आत्मनिर्भर भी बन गया है।
कस्बे के एसपीएम कॉलेज में लंबे समय से बिजली की समस्या थी। यहां पर कनेक्शन होने के बाद भी समय पर ना तो पूरी बिजली मिल पाती थी और ना ही पर्याप्त वोल्टेज आ पाते थे। ऐसे में महाविद्यालय के कंप्यूटर लैब व अन्य जरूरतों के हिसाब से बिजली नहीं मिल पाने के कारण दिक्कतों का भी सामना करना पड़ता था। वहीं महाविद्यालय में शुरू हुए बीएड संकाय में नया विद्युत कनेक्शन लेने के लिए भी कॉलेज प्रबंधन को खासे पापड़ बेलने पड़े और तब कहीं जाकर बिजली कनेक्शन हो पाया था।
सौर ऊर्जा से मिली राहत

महाविद्यालय में आ रही बिजली की इन समस्याओं को देखते हुए महाविद्यालय की रूसा कार्यक्रम प्रभारी व्याख्याता डॉ. रश्मि राजपाल ने रूसा योजना के तहत महाविद्यालय को बिजली के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने की योजना बनाई। जिसकी स्वीकृति के बाद महाविद्यालय में रूसा से स्वीकृत बजट राशि से राज्य सरकार की ओर से दी जा रही सौर ऊर्जा सब्सिडी योजना के तहत महाविद्यालय में बने एक ब्लॉक की छत पर सौर ऊर्जा के पैनल लगाए गए हैं। जिससे पैदा होने वाली बिजली से अब महाविद्यालय में सारे कामकाज संचालित होने लगे हैं और न तो बिजली और न ही वोल्टेज कम-ज्यादा आने की कोई दिक्कत रही है।

बिजली बिल से भी मिली निजात

महाविद्यालय में सौर ऊर्जा से बिजली पैदा करने का काम शुरू किए जाने से जहां एक ओर पूरे वोल्टेज के साथ चौबीसों घण्टे पूरी बिजली मिल पा रही है। वहीं दूसरी ओर बिजली आपूर्ति के बदले प्रतिमाह भरे जाने वाले बिजली बिल से भी अब यहां सौर ऊर्जा से बिजली पैदा होने के बाद राहत मिल गई है। ऐसे में महाविद्यालय प्रबंधन को अब महीने के महीने बिजली का भारी भरकम बिल भी नहीं चुकाना पड़ता है। जबकि बिजली बिल के बदले बचने वाली राशि का उपयोग महाविद्यालय की अन्य गतिविधियों एवं विद्यार्थी हित में किया जाने लगा है। जिसके चलते महाविद्यालय के विकास की रफ्तार भी तेज हुई है।

बिजली को लेकर मिली राहत

महाविद्यालय में बिजली को लेकर काफी समस्या झेलनी पड़ती थी और भारी भरकम बिल भी चुकाना पड़ता था। लेकिन अब महाविद्यालय में रूसा के तहत सोलर पैनल लगाए जाने से सौर ऊर्जा से पैदा हुई बिजली मिलने लगी है और इससे महाविद्यालय को खासी राहत मिली है।
– डॉ. मनीषा चौहान, प्राचार्य, एसपीएम कॉलेज, भोपालगढ़


प्रयास हुए सफल, बने आत्मनिर्भर

महाविद्यालय में सौर ऊर्जा से बिजली पैदा करने के प्रयास रूसा की मदद से सफल हुए हैं और अब यहां जरूरत के मुताबिक बिजली पैदा होने से महाविद्यालय बिजली को लेकर आत्मनिर्भर बन गया है।
– डॉ. रश्मि राजपाल, प्रभारी रूसा, एसपीएम कॉलेज भोपालगढ़

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