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जोधपुर की सबसे पुरानी सीवर लाइनें हो गई क्षमता पार, यूं रोक रही है रास्ता

– लोड बढऩे से धंसा मैन हौद

जोधपुरJun 28, 2018 / 01:37 pm

Jitendra Singh Rathore

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जोधपुर की सबसे पुरानी सीवर लाइनें हो गई क्षमता पार, यूं रोक रही है रास्ता

जोधपुर. सोजती गेट पर मंगलवार को 24 इंच की बड़ी सीवरलाइन मैन हौद धंसने से क्षतिग्रस्त होने से सड़कों पर गंदे पानी की नदी बहती रही। बुधवार शाम तक इस पर काम चलता रहा। ऐसे में पूरे दिन यातायात भी प्रभावित रहा। कार्य के दौरान सीवर के मैन हौद में वर्कर को उतार कर मैन हौद में लाइन के माध्यम से आने वाले पानी पर कट्टे लगाकर रोका। 40 कट्टे डालने के बाद पानी रुका, फिर मैन हौद की मरम्मत का कार्य शुरू किया गया। कार्य गुरुवार को भी जारी रहेगा। कार्य के दौरान मैन हौद में चोटिल कर्मचारी को उतारा गया। सीवर के संक्रमित पानी उसके चोट पर लगने से संक्रमण फैलने का खतरा होने के बावजूद चोटिल कर्मचारी को मैन हौद के गंदे पानी में उतारा गया। निगम की इस लापरवाही के चलते कर्मचारी की जान पर बन सकती है, लेकिन जिम्मेदारों का कहना हैं कि लाइफ जैकेट से पानी कर्मचारी की बॉडी को स्पर्श नहीं कर सकता है।
फैक्ट फाइल
– झालामंड जोन में 385 किलोमीटर की सीवर लाइन है।

– इसमें 6 हजार मैन हौद हैं।
– इस जोन में शहर की चारदीवारी सहित उसके आस-पास का क्षेत्र, उदयमंदिर, पावटा पोलो, सरदारपुरा, रातानाडा व शास्त्रीनगर क्षेत्र आता है।
-इनका पानी गोशाला मैदान से होता हुआ, रातानाडा, एयरपोर्ट होकर झालामंड जाता है।
-यह शहर का सबसे पुराना सीवर सिस्टम है।

-1938 में सर्वप्रथम सीवरेज सिस्टम शहर चारदीवारी में लगा था।
– 1965 में दूसरी बार चारदीवारी के आस-पास सीवर लाइन डाली गई।
-1982 से 88 तक विश्वबैंक ने मुख्य सीवर लाइनें डाली थी।
-1990 तक चारदीवारी, सरदारपुरा, शास्त्रीनगर व रातानाडा, उदयमंदिर, पावटा पोलो इन क्षेत्र में सीवर लाइन डाली गई।

-इन सभी सीवर प्रणाली की प्रवाह क्षमता वर्ष 2011 तक की थी।
-बढ़ते भूजल के कारण इस सीवर लाइनों पर लोड पड़ा।
-भूजल का पानी भी पंप के माध्यम से सीवर लाइन में डाला जाता है।

-समय सीमा पूरी होने के बावजूद 7 सालों से लोड झेल रही है।
-मैन हौद का मरम्मत कार्य बहुत वर्षों से नहीं हुआ।
-अमृत योजना में 2047 तक उपयोग के लिए सीवर लाइनें डाली जा रही है।

-77 करोड़ प्रथम फेज में लगाया जा रहा हैं।
-200 एमएम से लेकर 1200 एमएम की 39 किलोमीटर सीवर लाइन बिछाई जा रही है।
-22 किलोमीटर का कार्य पूरा हो चुका है।

अत्याधुनिक 320 हॉर्स पॉवर की 3 करोड़ के लागत की सुपर शकर मशीन

निगम के पास अत्याधुनिक सुपर शकर मशीन है। 3 करोड़ के लागत की यह मशीन 320 हॉर्स पॉवर की है। इसमें ऑक्सीजन मास्क, लाइफ जैकेट, मैटल डिटेक्टर, दो जेटिंग मशीनें, दो शकर व एक वॉटर टेंक आदि इक्यूपमेंट लगे है। यह कॉन्टेक्ट बेस पर चलती है। राजस्थान से बाहर की कम्पनी व उसके प्रशिक्षित कर्मचारी इस पर कार्य करते हैं। इसके अलावा दो सेमी सुपर शकर मशीन भी है, जो कि 160 हॉर्स पॉवर की है। यह 75-75 लाख की है।
इनका कहना है

सीवर ब्लॉक होने पर अत्याधुनिक सुपर शकर मशीन के साथ सेमी सुपर शकर मशीनें है। इसमें सेफ्टी के पूरे इंतजाम है। जो कार्य मैन्युअल होगा, उसमें मैन हौद में वर्कर को उतार कर करवाया जाता है। ऐसा विशेष परिस्थितियों में ही होता है। स्टाफ पूरा बाहर का व प्रशिक्षित हैं। कार्य के दौरान चोटिल व्यक्ति को उतारा है तो वह गलत है। हालांकि लाइफ जैकेट पहनने से सीवर का पानी शरीर पर नहीं लगता। जैकेट शरीर के हर अंग को ढकता है।
लक्ष्मीनारायण सोलंकी, अध्यक्ष, सीवरेज समिति, नगर निगम

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