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जोधपुर में इतनी बार चौराहे तोड़े कि बन गए ‘प्रयोगशाला’

locationजोधपुरPublished: Jul 18, 2019 08:33:31 pm

Submitted by:

Avinash Kewaliya

Traffic problem in jodhpur
– जालोरी गेट सर्किल पर सबसे ज्यादा बार हुए प्रयोग- अन्य चार-पांच सर्किल को भी छोटा किया गया
 

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जोधपुर में इतनी बार चौराहे तोड़े कि बन गए ‘प्रयोगशाला’

जोधपुर.
शहर की यातायात व्यवस्था संभालने के लिए पिछले कई वर्षों से चौराहों व सर्किल को प्रयोगशाला बनाया गया है। खास बात यह है कि इस पर लाखों रुपए खर्च हुए। लेकिन इसके बावजूद कोई ठोस उपाय नजर नहीं आया। कई चौराहों को तो छोटा करने के बाद फिर से बड़ा भी किया गया। हाईकोर्ट ने टिप्पणी करते हुए इस पर सख्ती दिखाई तो पत्रिका ने ‘चौराहों की प्रयोगशाला’ की वस्तुस्थिति देखी तो यह हालात निकले।
जालोरी गेट सर्किल :
इस सर्किल पर सबसे ज्यादा बार प्रयोग किया गया। लेकिन कोई सफल नहीं हुआ। दो बार इसे तोड़ कर छोटा किया गया। इसके बाद फिर बना। अभी हाल ही में करीब दो साल पहले इसे वर्तमान स्वरूप में लाया गया। इसके लिए करीब 40 लाख से अधिक की राशि खर्च की गई है। अभी भी यातायात नियंत्रण करने के लिए बेरिकैडिंग की सहायता ली जा रही है।
जलजोग चौराहा :
इसे अभी एक साल पहले ही करीब 20 लाख की राशि में नया बनाया गया है। करीब तीन साल पहले जब पांच अन्य सर्किल तोड़ कर छोटे किए गए तो इसे भी प्रयोगशाला में शामिल किया गया। लेकिन यातायात तब भी नियंत्रण में नहीं आया। वाहनों की कतारें लगने लगी। अब रंगारंग फव्वारों के साथ आकर्षक लुक देने में राशि खर्च की गई है।
12वी रोड चौराहा :
सर्किल प्रयोगशाला में इसको भी शामिल किया गया था। इसे भी तोड़ कर महज मूर्ति तक ही सीमित कर दिया गया था। वर्तमान में इसके विस्तार और विकास का काम चल रहा है। इस पर भी करीब 15 लाख से अधिक की राशि खर्च की होगी। इस सर्किल के आस-पास कई बार ट्रैफिक लाइट शुरू और बंद कर प्रयोग किए गए।
फोटो 25.. पावटा सर्किल:

नए पत्थर लगाकर काम करवाया है। यहां भी यातायात नियंत्रण करने के लिए लगातार प्रयोग किए जा रहे हैं।

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यहां भी लगाई लाखों की राशि

– सर्किट हाउस: करीब छह माह पहले ही सौंदर्यीकरण किया गया। जेडीए ने इस पर भी 25 लाख से अधिक राशि खर्च की।
पांचवी रोड व रोटरी क्लब सर्किल : इन दोनों चौराहों को भी करीब तीन-चार साल पहले छोटा किया गया। महज मूर्ति तक इन चौराहों को सीमित कर दिया गया। इसके बाद इन चौराहों का विस्तार नहीं हुआ।
– खेतसिंह बंगला सर्किल: नवीनीकरण छह माह पहले किया गया है। 20 लाख से अधिक राशि खर्च।
– जेडीए कार्यालय के बाहर: सर्किल विकास व सौंदर्यीकरण का कार्य चल रहा है। यहां भी लाखों रुपए लगाए जाएंगे।

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