राजस्थान हाईकोर्ट में गुरुवार को शहर में कार बाजार, मल्टीलेवल पार्र्किंग और अतिक्रमणों को लेकर नरेशकुमार की ओर से दायर जनहित याचिका की सुनवाई के दौरान निगम की ओर से पेश प्रगति रिपोर्ट में यह खुलासा हुआ।
रिपोर्ट में रिडकोर के 20 दिसंबर, 2018 के पत्र का उल्लेख किया गया है। इसमें मुख्य सचिव की अध्यक्षता में हुई रिडकोर की बोर्ड बैठक के निर्णय का जिक्र करते हुए कहा गया कि वर्तमान स्थितियों को देखते हुए रिडकोर नई सडक़ पर मल्टीलेवल पार्किंग बनाने में समर्थ नहीं है।
इसलिए रिडकोर के वर्कऑर्डर को विड्रो किया जाए। साथ ही रिडकोर ने गांधी मैदान में निर्मित अंडरग्राउंड पार्र्किंग का बकाया भुगतान करने को कहा है।
सुनवाई के दौरान अतिरिक्त महाधिवक्ता रेखा बोराणा ने बताया कि चौपासनी रोड पर वर्तमान में सडक़ की सीमा में कार बाजार नहीं चल रहे हैं।
सुनवाई के दौरान अतिरिक्त महाधिवक्ता रेखा बोराणा ने बताया कि चौपासनी रोड पर वर्तमान में सडक़ की सीमा में कार बाजार नहीं चल रहे हैं।
कार बाजार संचालक अपने ही परिसर में कारों की पार्किंग कर रहे हैं। न्यायमित्र अनिल जोशी ने प्रतिवाद करते हुए कहा कि कार बाजार संचालित हो रहे हैं जिसकी वीडियोग्राफी की जा सकती है। उन्होंने कहा कि अब दोपहिया वाहनों के भी बाजार लगने लग गए हैं। इस पर बताया गया कि दोपहिया वाहन कोचिंग सेंटर्स के बाहर खड़े छात्रों के वाहन हैं। जोशी ने जवाब पेश करने के लिए समय मांगा।
कोर्ट ने राज्य सरकार को भी पालना रिपोर्ट पेश करने की मोहलत देते हुए सुनवाई 21 फरवरी को मुकर्रर की है। फैक्ट फाइल
25 सितंबर 2013 को शिलान्यास5 मंजिला बननी थी कार पार्र्किंग475 कारें व दुपहिया वाहन की पार्किंग प्रस्तावित36.63 करोड़ कुल लागत, 24 करोड़ का जारी हुआ था कार्यादेशपहले क्या हुआ
25 सितंबर 2013 को शिलान्यास5 मंजिला बननी थी कार पार्र्किंग475 कारें व दुपहिया वाहन की पार्किंग प्रस्तावित36.63 करोड़ कुल लागत, 24 करोड़ का जारी हुआ था कार्यादेशपहले क्या हुआ
पूर्व में नई सडक़ स्थित राजीव गांधी स्टेच्यू के समीप शहर की पहली मल्टीस्टोरी कार पार्किंग का निर्माण कार्य शुरू किया गया था। पुलिस कंट्रोल रूम की कुल 1275 वर्गमीटर जमीन देने से इनकार करने के बाद समूचा प्रोजेक्ट ठंडे बस्ते में चला गया। कुल 2335 वर्गमीटर जमीन पर बनने वाली पार्किंग में 475 कारों के लिए जगह प्रस्तावित थी। फि र निगम की कुल 1060 वर्गमीटर जमीन पर सिर्फ 50 कारों की पार्र्किंग का ही प्रोजेक्ट रह गया। इसके बाद राज्य सरकार से अनुमति नहीं मिली। फिर हाईकोर्ट ने नगर निगम को निर्देश देकर पुलिस व गृह सचिव के साथ बैठक कर निर्णय लेने के लिए कहा था।