न्यायाधीश डॉ पुष्पेंद्र सिंह भाटी की एकल पीठ में याचिकाकर्ता नंदलाल व्यास ने पैरवी करते हुए कहा कि मल्टीस्टेट को ऑपरेटिव सोसाइटी एक्ट, 2002 के तहत पंजीकृत पुष्टिकर साख सहकारी समिति लिमिटेड, जोधपुर के 11 सदस्यीय संचालक मंडल का पांच वर्षीय कार्यकाल माह मार्च 2022 में पूरा हो गया था। एक्ट की धारा 45 (1) एवं चुनाव प्रक्रिया की अनुसूची के अनुसार वर्तमान संचालक मंडल के सदस्यों को अपना कार्यकाल पूरा होने के कम से कम 60 दिन पूर्व चुनाव प्रक्रिया प्रारंभ कर समय पर चुनाव करवाने अनिवार्य है। एक्ट की धारा 45(6) के अनुसार केन्द्रीय रजिस्ट्रार चुनाव ड्यू होने के 90 दिन के भीतर चुनाव करवाने के लिए विधिक रूप से बाध्य है। व्यास ने याचिका में कहा कि करीब 15 माह की देरी से चुनाव करवाने के लिए नियुक्त निर्वाचन अधिकारी राकेश पुरोहित, डिप्टी रजिस्ट्रार (विधि), सहकारी विभाग ने अपने आपको डिप्टी रजिस्ट्रार, सहकारी समितियां दर्शाते हुए 7 जुलाई, 2023 को निर्वाचन नोटिस जारी किया, जिसका समुचित प्रचार प्रसार नहीं किया गया। समिति के सदस्य एवं याचिकाकर्ता ने निर्वाचन अधिकारी को उनके मोबाइल फोन पर व्यक्तिशः यह लिखित में अभ्यावेदन दिया कि एक्ट की धारा 43 एवं 45 के अनुसार समिति के वर्तमान संचालक मंडल के सदस्य समय पर चुनाव करवाने में असमर्थ रहे हैं, इसलिए वर्तमान चुनाव के लिए अयोग्य हैं। इसके बावजूद समिति के मुख्य कार्यकारी अमरचंद पुरोहित, समिति की अध्यक्ष सरला देवी पुरोहित एवं वर्तमान संचालक मंडल के अन्य पदाधिकारियों को कथित रूप से अनुचित फायदा पहुंचाने की दृष्टि से वर्तमान संचालक मंडल के छह सदस्यों को चुनाव के लिए योग्य घोषित कर उनके नाम निर्देशन वैध कर दिए गए गए। पीठ ने प्रतिवादियों को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है।