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बिजली सिस्टम के इस प्रोजेक्ट से खौफजदा हैं लोग, अंडरग्राउंड केबल के बजट पर कंजूसी दिखा रही सरकार

locationजोधपुरPublished: Aug 14, 2018 03:16:07 pm

Submitted by:

Harshwardhan bhati

चार साल से अटका प्रोजेक्ट अगले माह पूरा करने की डेडलाइन
 

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अविनाश केवलिया/जोधपुर. बिजली सिस्टम को अपग्रेड करने के लिए पिछले चार साल से करोड़ों रुपए का एक प्रोजेक्ट अटका हुआ है। कारण है लोगों के सिर ऊपर मंडराता खतरा। अपग्रेडेशन के विरोध में आम जनता उतर आई। लेकिन न तो कोई जनप्रतिनिधि न ही सरकार इस ओर पहल कर रही है। अब अगले माह इसे पूरा करने की डेडलाइन भी आ गई है। बासनी 220 केवी जीएसएस से एक 35 साल पुरानी 132 केवी की बिजली लाइन सूरसागर जीएसएस तक जाती है। इस लाइन की सड़क से ऊंचाई महज 8-9 मीटर ही है। अब जनसंख्या विस्तार के लिहाज से बिजली सिस्टम को मजबूत करने का प्रोजेक्ट तैयार हुआ। 220 केवी के टॉवर और उपकरण लगेंगे। वर्तमान में 132 केवी जीएसएस से लाइन चार्ज की जाएगी। लेकिन भविष्य में जरूरत होने पर इसमें 220 केवी का विद्युत भी प्रवाहित किया जाएगा।
यहां है लोगों का विरोध

बासनी से सूरसागर के बीच यह लाइन मुख्य रूप से एम्स रोड और आगे आबादी क्षेत्र से गुजरती है। 12 सौ लाइन जहां आबादी है वहां लोग विरोध कर रहे हैं। यहां अंडरग्राउंड बिजली लाइन डालने का प्रस्ताव है। जिसकी लागत करीब 10 करोड़ है। लेकिन इसके लिए प्रसारण निगम स्वीकृति नहीं दे रहा है। इसी कारण यह पूरी साढ़े सात किलोमीटर लाइन का काम अटका है।
अपग्रेड हुई तो दोगुनी ऊंचाई पर लाइन

वर्तमान में 132 केवी बिजली लाइन करीब 8-9 मीटर ऊंचाई पर है। यदि यह लाइन 220 केवी के पोल पर लगती है तो इसकी ऊंचाई दोगुनी करीब 16 मीटर तक हो जाएगी। लेकिन इसके बाद भी कुछ क्षेत्रों में विरोध हो रहा है।
एक नजर में प्रोजेक्ट


– 7.5 किलोमीटर लाइन अपग्रेड होगी।
– 220 केवी बासनी से सूरसागर जीएसएस तक लाइन।
– 132 केवी लाइन अभी 35 साल पुरानी।
– 12 सौ मीटर है विवादित जहां लोगों का है विरोध।
– 10 करोड़ का खर्च विवादित क्षेत्र में अंडरग्राउंड लाइन का।
– 4 साल से अटका है प्रोजेक्ट
– सितम्बर 2018 में करना है पूरा
काम तो करना ही पड़ेगा

इस बिजली लाइन का काम कई सालों से अटका है। अभी कुछ माह पहले दुबारा शुरू किया। लोगों का विरोध है और अंडरग्राउंड केबल की मांग की है। लेकिन इसका बजट ज्यादा है और सरकार नहीं दे रही। अब लाइन का काम आगे बढ़ाएंगे।

– बी.पी चौहान, मुख्य अभियंता, राजस्थान विद्युत प्रसारण निगम लिमिटेड

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