सीजे प्रदीप नन्द्राजोग व डॉ. जस्टिस पुष्पेन्द्र सिंह भाटी की खंडपीठ ने यह आदेश याचिकाकर्ता मोहल्ला विकास समिति की ओर से दायर जनहित याचिका की सुनवाई में दिए। याचिकाकर्ताओं मोहल्ला विकास समिति के दलपत वैष्णव की ओर से पैरवी करते हुए अधिवक्ता अनिरुद्ध पुरोहित ने कहा कि राज्य सरकार, नगर निगम व जेडीए ने नियम विरुद्ध इस संस्थान को कमला नेहरू नगर की इस खुली जमीन पर पार्क के स्थान पर अतिक्रमण करते हुए आठ-दस कमरों का निर्माण करते हुए मैरिज पैलेस के तौर परउपयोग करने की खुली छूट दी, जिससे संस्थान लाखों की कमाई कर रहा है, वहीं हरित पट्टी पर स्थित इस पार्क में यहां के निवासियों का प्रवेश तक निषेध हो गया है। याचिकाकर्ता ने अप्रार्थी सरकार व निगम आदि पर इस संपूर्ण हरित पट्टिका में अवैध निर्माण करने का भी आरोप लगाया।
खनन मलबे के ढेर सम्बंधी जनहित याचिका की सुनवाई टली राजस्थान हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश प्रदीप नंद्राजोग और जस्टिस भाटी की खण्डपीठ ने चितौडगढ़ क्षेत्र में खनन के बाद मलबा डंपिंग की समस्या को लेकर दायर जनहित याचिका की सुनवाई आठ सप्ताह बाद करने के आदेश दिए हैं।
मामले से सम्बंधित खान धारकों ने शुक्रवार को सुनवाई के दौरान खण्डपीठ के समक्ष अप्रार्थी पक्षकार बनाने का आवेदन दायर कर उनका पक्ष सुनने की गुहार लगाई। इसपर याचिककर्ता लीलाशंकर सिंह की ओर से राजवेंद्र सारस्वत ने आवेदनों पर जवाब देने के लिए समय देने की मांग करते हुए कहा कि वे पक्षकारों का आवेदन पढ़ कर उसका जवाब दे सकेंगे।
पूर्व में याचिाककर्ता की ओर से कोर्ट को बताया था कि क्षेत्र में पांच-छह खान धारक खनन के बाद मलबे को ढंग से निस्तारित नहीं करते। इससे मलबे के ढेर लग गए हैं। इस पर खंडपीठ ने नोटिस जारी कर सरकार से जवाब तलब किया था।