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जोधपुर

National Science Day चंद्रयान-3 मिशन सफल रहेगा, भारत की अच्छी तैयारी

जोधपुर ( jodhpur news current news ). आज राष्ट्रीय विज्ञान दिवस ( National Science Day ) है। विज्ञान के क्षेत्र में भारत आज बहुत तरक्की कर रहा है। राष्ट्रीय विज्ञान दिवस पर प्रस्तुत है ( space news ) जाने-माने अंतरिक्ष वैज्ञानिक प्रो. ओपीएन कल्ला ( scientist OPN Calla ) के साथ बातचीत। उन्होंने ( professor opn calla ) कहा कि इसरो ( ISRO ) के वैज्ञानिकों ने बहुत अच्छी तैयारी की है और भारत को चंद्रयान-3 ( Chandrayaan ) में सफलता मिलेगी ( latest NRI news in hindi ) ।

जोधपुरFeb 28, 2020 / 09:43 am

M I Zahir

National Science Day: Chandrayaan-3 mission will be successful, India prepares well : Prof. OPN Calla

National Science Day: Chandrayaan-3 mission will be successful, India prepares well : Prof. OPN Calla

एम आई जाहिर / जोधपुर ( jodhpur news current news ). भारत के अंतरिक्ष वैज्ञानिकों ने इस बार अच्छी तैयारी की है और इसरो का चंद्रयान-3 मिशन( chandrayaan mission ) का प्रयोग सौ फीसदी सफल होगा। इसरो से जुड़े रहे भारत में रेडियो तरंगों के जनक जाने-माने अंतरिक्ष वैज्ञानिक ( space scientist ) प्रो. ओपीएन कल्ला ( professor opn calla ) ने राष्ट्रीय विज्ञान दिवस ( National Science Day ) पर पत्रिका से विशेष बातचीत में यह कहा ( latest NRI news in hindi )।
जोधपुर स्थित इंटरनेशनल सेंटर फॉर रेडियो साइंस के चेयरमैन प्रो. कल्ला ( scientist OPN Calla ) ने कहा कि पिछली बार विक्रम लेंडर और प्रज्ञान रोवर चंद्रमा की सतह पर बराबर उतर नहीं पाए थे, लेकिन इस बार इसरो ( ISRO ) के वैज्ञानिकों ( scientist ) ने बहुत अच्छी तैयारी की है और भारत को निश्चित तौर पर इसमें सफलता मिलेगी। भारत की ओर से चंद्रयान-3 ( Chandrayaan ) सन 2022 में अंतरिक्ष में जाने की संभावना है।
चंद्रमा और मंगलयान के शोध से भी जुड़े रहे प्रो. कल्ला ने कहा कि चंद्रयान-2 की उपयोगिता से चंद्रमा की भौगोलिक, प्रायोगिक और व्यावहारिक जानकारी अच्छी मिल रही है। चंद्रयान-2 का लैंडर उतर नहीं पाया था और रोवर ने काम नहीं किया था, लेकिन चंद्रयान 2 का आर्बिटर शुरू से ही अच्छा चल रहा है और इसके इंस्ट्रुमेंट अच्छी तरह से काम कर रहे हैं। इस कारण चंद्रमा की सतह की सूचनाएं सही और लगातार मिल रही हैं। वहीं रेडार से डाटा भी निरंतर मिल रहे हैं और यह सब चंद्रयान-3 मिशन के लिए शुभ संकेत है। इसरो के पूर्व उप निदेशक प्रो. कल्ला ने कहा कि सरकार को देश के विज्ञान विषय के विद्यार्थियों को अधिकाधिक प्रायोगिक ज्ञान देने पर ध्यान देना चाहिए। विज्ञान के विद्यार्थियों को पूर्ण प्रतिबद्धता, संजीदगी और गंभीरता से काम करना चाहिए। देश की विज्ञान प्रतिभाओं का भविष्य बहुत उज्जवल है।
मंगल पर किया है शोध
प्रो. कल्ला शीर्ष वैज्ञानिक विक्रम साराभाई के करीबी शिष्य रहे तो मिसाइलमैन डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम के साथी। उन्होंने मंगलयान के मिशन के दौरान उसमें रखे गए मेनका उपकरण के माध्यम से मंगल ग्रह पर मौजूद वाष्प के आंकड़ों का वैज्ञानिक अध्ययन किया था। साथ ही जमीन, बर्फीले इलाकों और समंदर की सतह पर हवा की रफ्तार का अध्ययन किया है। वे सुदूर संवेदी तकनीक के विशेषज्ञ हैं। केंद्र और राज्य सरकार के रिमोट सेंसिंग एप्लीकेशन सेंटर उनसे आज भी मार्गदर्शन लेते हैं। प्रो. कल्ला ने जोधपुर में राजस्थान पत्रिका के साथ मिल कर शहर में अवैध मोबाइल टॉवर के खिलाफ मुहिम भी चलाई थी, जिसमें बताया गया था कि मोबाइल टॉवर की रेडियो तरंगें इन्सान के लिए बहुत घातक हैं और ये तरंगें कैंसर का भी कारण बन सकती हैं।

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