कहां और कैसे मिली : फतेहगढ़ में तेलियों की ढाणी में झाडि़यों से रविवार देर रात एक नवजात के रोने की आवाज सुनाई दी। ग्रामीण झाडि़यों में पहुंचे तो कपड़े में लिपटी बालिका रो रही थी। ग्रामीण उसे बाहर लाए और कपड़ा हटाया। ग्रामीणों की सूचना पर पुलिस मौके पर आईं। झाडि़यों में जिन्दा मिली बच्ची को देचू के राजकीय सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र पहुंचाया, जहां प्राथमिक उपचार के बाद उसे उम्मेद अस्पताल रैफर कर दिया गया।
एेसा क्यों किया : पुलिस नवजात बच्ची की मां व अन्य घरवालों को ढूंढने का प्रयास कर रही है। फिलहाल इस बारे में कोई पता नहीं लग सका है। पुलिस को अंदेशा है कि जन्म के कुछ देर बाद ही अनचाही संतान की पैदाइश छुपाने अथवा बालिका के जन्म लेने की वजह से उसे झाडि़यों में फेंका गया होगा।
कोई और मां पिला रही दूध : नवजात का उम्मेद अस्पताल के पीडियाट्रिक आइसीयू में उपचार चल रहा है। बच्ची को रात को ऑक्सीजन पर रखा गया था। कंटीली झाडि़यों से बच्ची के हाथों पर कांटों के निशान भी है। अस्पताल में नवजात को चिकित्सक फ्रोस्टर फिडिंग (किसी और मां का दूध) दे रहे हैं। अस्पताल अधीक्षक डॉ. रंजना देसाई ने बताया कि झाडि़यों में फेंकने से बच्ची को इंफेक्शन हुआ है। बच्ची का उपचार चल रहा है। फिलहाल उसकी हालत में सुधार है।
अब आगे क्या : परिजन का पता न लगने के कारण अब बालिका को लवकुश संस्थान भिजवाने की प्रक्रिया चल रही है।
—- सूरत बदली, फिर भी शर्मसार करने वाली तस्वीर अभी पिछले महीने ही जोधपुर के कारण राजस्थान को लिंगानुपात में देश का सर्वश्रेष्ठ राज्य घोषित किया गया था। जोधपुर को यह उपलब्धि वर्ष 2014-15 से 2018-19 के बीच बेटियों के शिक्षा स्तर और लिंगानुपात में बेहतर सुधार करने पर हासिल हुई। दस अंकों के सुधार के साथ हमारा जिला प्रदेशभर में अव्वल रहा था।
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