scriptworld Mothers Day special मदर्स डे स्पेशल : तो फिर मैंने गृहस्थी क्यों बसाई? | Mother's Day Special: Old woman said'Then why did I settle down? | Patrika News

world Mothers Day special मदर्स डे स्पेशल : तो फिर मैंने गृहस्थी क्यों बसाई?

locationजोधपुरPublished: May 12, 2019 06:39:30 pm

Submitted by:

M I Zahir

जोधपुर.एक बूढ़ी महिला रुकमादेवी ( rukmadevi ) मां को उसके अपनों ने अकेला छोड़ दिया। आठ साल पहले वह सडक़ पर जीवन बसर करने के लिए मजबूर थी और अब अनुबंध वृद्धजन कुटीर ( anubandh vriddhjan kuteer ) में रह रही है। उम्र के इस मोड़ पर वह खुद को अकेला महसूस करती है। वह खुद से शिकायत करते हुए बात करती है – आखिर मैंने गृहस्थी क्यों बसाई?
 

Mother's Day Special: Old woman said'Then why did I settle down?

Mother’s Day Special: Old woman said’Then why did I settle down?

एम आई जाहिर /जोधपुर.लोग घर क्यों बसाते हैं? खुशियों के लिए न? अपनी जिंदगी अच्छी करने के लिए न ? सपनों का घर, अपना घर, अपनी जमीन,अपने लोग, यही सब तो होता है उसमें। लेकिन मेरे साथ एेसा नहीं हुआ? उम्र के 90 बसंत पार कर चुकी बुजुर्ग रुकमादेवी ( rukmadevi ) ने यह बात कही। अनुबंध वृद्धजन कुटीर ( anubandh vriddhjan kuteer ) में रह रही रुकमा का यह दर्द रह रह कर फूटता है। अब उसका बुढ़ापा है और वह बहुत कमजोर हो चुकी है। अब तो किसी सहारे के बिना उठा बैठा भी नहीं जाता है। सिसकती रुकमा बार-बार कहती हैं-जिनसे सहारे की आस थी, वे ही नहीं सोचते तो अब क्या रखा है? सडक़ों पर ही रहना था, अकेले ही रहना था तो फिर घर क्यों बसाया? मैंने गृहस्थी क्यों बसाई? एेसा क्यों किया? यह कहते हुए वह अपनी ही धुन में कभी भजन गाती है तो कभी पुरानी बातें याद कर खुद से बातें करती है। कभी बोलती है तो कभी चुप हो जाती है। यह उसका रोज का मामूल है।
रुकमा सोचती है, आज के युवा संस्कारों की बात तो करते हैं, मगर जब बुजुर्गों की सेवा की बात आती है तो उन्हंे बोझ समझ कर उनसे पीछा छुड़ाने की बात करते हैं। आश्रम की संचालिका अनुराधा आडवाणी ( anuradha advani ) ने बताया कि वह आठ साल पहले कुटीर में आई थी। कहां की रहने वाली हैं, यह तो नहीं पता। हां, शुरू-शुरू में जब आई थीं तो किसी भी गाड़ी की आवाज सुन उठ कर बैठ जाती थीं, मगर अब वह किसी गाड़ी की आवाज से उठ कर नहीं बैठती। क्यों कि अब शायद उसे यह उम्मीद नहीं है कि अब कोई उसे लेने आएगा? हां वह बार बार यही वाक्य दोहराती है-तो फिर मैंने गृहस्थी क्यों बसाई?
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