भावुक जस्टिस कौर ने कहा उनको कभी नहीं लगा कि वे घर से दूर हूं। साथी न्यायाधीशों के बारे में अनुभव साझा करते हुए उन्होंने इलाहाबाद हाईकोर्ट के सीजे गोविन्द माथुर का खासतौर से उल्लेख किया और कहा कि उन्होंने हमेशा भाई की तरह हौसला बढ़ाया। उनके बाद जस्टिस पीएस भाटी ने ख्याल रखा है।
जस्टिस कौर ने कहा कि पंजाब से आई तो उनको जयपुर पीठ में सिटिंग की सलाह दी गई, लेकिन जोधपुर के अधिवक्ताओं के अनुरोध पर उन्होंने जोधपुर मुख्यपीठ में ही सिटिंग की। अधिवक्ताओ, न्यायिक व कोर्ट स्टॉफ केसाथ राजस्थान के लोगों की प्रशंसा करते हुए उन्होंने कहा कि यहां कि संस्कृति, वातावरण और लोग हमेशा याद आएंगे।
सीजे नन्द्राजोग ने जस्टिस कौर को सरल, बहादुर व साहसी महिला जज बताया और कहा कि उन्होंने राजस्थान हाईकोर्ट में रहते कई अच्छे फैसले किए और हमेशा अधिवक्ताओं के हितों का ख्याल रखा। बार कौंसिल ऑफ राजस्थान, राजस्थान हाईकोर्ट एडवोकेट्स एसोसिएशन, राजस्थान लॉयर्स एसोसिएशन और राज्य सरकार की ओर से भी विदाई सम्बोधन पेश किया गया।
दिया गार्ड ऑफ ऑनर रेफरेंस के बाद जस्टिस कौर को गार्ड ऑफ ऑनर पेश कर विदा किया गया। इस अवसर पर जस्टिस संगीत लोढा, केएस अहलूवालिया, संदीप मेहता, पीके लोहरा, विजय विश्नोई, अरुण भंसाली, पीएस भाटी, दिनेश मेहता, विनीत माथुर, मनोज गर्ग, रजिस्ट्रार जनरल के अलावा न्यायिक अधिकारी, हाईकोर्ट के अधिवक्ता व परिजन मौजूद थे।