शहर के 65 वार्डों में 1 हजार से अधिक ऐसी जगहें हैं, जहां खाली प्लाट में पानी भरा है। स्वास्थ्य विभाग की ओर से इन जगहों पर गंबुसिया मछलियां डालने व टेमिफोस छिडकऩे जैसी गतिविधियां की जाती है, अगर स्वास्थ्य विभाग व नगर निगम की टीमें ढंग से काम करती है तो शहर में डेंगू-चिकनगुनिया के काफी हद तक मरीज कम हो जाएंगे। नगर निगम की फोगिंग टीमें भी एक वार्ड के सभी क्षेत्रों में फोगिंग नहीं कर रही है। ऐसे में कई जगहों पर लोगों ने फोगिंग होती हुई नहीं देखी है।
जिला कलक्टर प्रकाश राजपुरोहित ने सोमवार को चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के दल के साथ शहर के विभिन्न स्थानों का औचक निरीक्षण कर मौसमी बीमारियों की रोकथाम के लिए किए जा रही एंटी लार्वल एक्टिविटीज का निरीक्षण किया। उन्होंने मौके पर ही कहा कि लापरवाही करने वाले अधिकारियों के विरूद्ध कार्रवाई की जाएगी। कलक्टर ने डॉ. बलवंत मंडा को निर्देश दिए कि वे क्षेत्रवार सघन एंटीलार्वस एक्विविटीज करने के साथ इन एक्टिविटीज को क्रॉस वैरीफ ाई करने के कड़े निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि कोई भी क्षेत्र एंटीलार्वस एक्टिविटी से वंचित नहीं रहना चाहिए। जिला कलक्टर ने गंदे पानी में एमएलओ व साफ पानी में टेमीफ ोस डालने के साथ गम्बुशिया मछलियों को जलग्रहण स्थलों पर डालने के विषय में स्वयं भौतिक सत्यापन किया।
फालना से फोगिंग के लिए बड़ी मशीन मंगवाई गई है। जो एकाध दिन में आ जाएगी। पिछले 3-4 सालों में जहां पर सर्वाधिक मरीज आए हैं, वहां फोगिंग कराई जा रही है। पांच-पांच वार्डों मेंं भी फोगिंग कराई जा रही है। संवेदनशील इलाकों में तुरंत फोगिंग कराई जा रही है। पॉजिटिव केस आने वाले जगहों पर भी फोगिंग कराई जा रही है।
– सुरेश कुमार ओला, आयुक्त, नगर निगम