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मंडोर उद्यान के लिए चार सप्ताह में बनाएं समन्वित योजना

locationजोधपुरPublished: Jul 20, 2019 06:50:44 pm

Submitted by:

yamuna soni

Rajasthan Highcourt ने कहा Mandore Gardenके लिए योजना प्राप्त होने के दो सप्ताह के भीतर मंजूरी दे State Government

Make Integretead shceme For Mandore garden in four months

Mandore Garden Jodhpur

जोधपुर.

राजस्थान हाईकोर्ट ने जोधपुर जिला कलक्टर (Distt. Collector Jodhpur) को मंडोर उद्यान की सफाई, रखरखाव और प्रबंधन के लिए चार सप्ताह में सम्बंधित विभागों से विचार-विमर्श के बाद समन्वित योजना बनाकर राज्य सरकार को भेजने के निर्देश दिए हैं। जबकि राज्य सरकार को कहा है कि प्रस्ताव प्राप्त होने के दो सप्ताह के भीतर उसे अनुमोदित कर अपेक्षित बजट स्वीकृत किया जाए।

वरिष्ठ न्यायाधीश संगीत लोढ़ा और न्यायाधीश विनीतकुमार माथुर की खंडपीठ ने याचिकाकर्ता रणछोड़ सिंह परिहार की ओर से दायर जनहित याचिका पर सुनवाई के बाद मंडोर उद्यान की दुर्दशा पर चिंता जताते हुए आदेश सुरक्षित रखा था।
हाईकोर्ट ने शनिवार को कहा कि जिला कलक्टर सार्वजनिक निर्माण विभाग (PWD), भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI), राज्य पुरातत्व व संग्रहणालय विभाग सहित अन्य विभागों से मंडोर उद्यान के समेकित विकास के लिए विचार-विमर्श कर समन्वित योजना तैयार करने को कहा।
इस योजना को चार सप्ताह के भीतर राज्य सरकार के अनुुमोदन और बजट स्वीकृति के लिए भेजना होगा। कोर्ट ने सरकार को स्पष्ट निर्देश दिए कि ऐसा प्रस्ताव प्राप्त होने के बाद बिना कोई विलंब किए, अधिकतम दो सप्ताह में उसे मंजूरी दी जाए।

खंडपीठ ने कहा कि मंडोर उद्यान राजस्थान पब्लिक पार्क एक्ट के तहत अधिसूचित पब्लिक पार्क है। इसका रखरखाव, प्रबंधन व नियंत्रण करना राज्य सरकार का वैधानिक दायित्व है।

इसका रखरखाव वर्तमान में सार्वजनिक निर्माण विभाग के पास है, इसलिए सरकार को इसके रखरखाव के लिए हरसंभव प्रयास करने चाहिए।
कोर्ट ने सरकार को चार सप्ताह में उद्यान के नियंत्रण के लिए अधीक्षक, निरीक्षक व अन्य अपेक्षित स्टाफ को नियुक्त करने के निर्देश दिए हैं।

जोधपुर विकास प्राधिकरण (Jodhpur Development Authority) को कहा गया है कि यातायात पुलिस से विचार विमर्श के बाद उद्यान के बाहर यातायात को सुगम बनाने की दिशा में उपयुक्त कदम उठाए।
एएसआई व राज्य पुरातत्व विभाग को अगली सुनवाई पर उद्यान में स्थित स्मारकों के जीर्णोद्धार के लिए किए गए प्रयासों की स्टेटस रिपोर्ट पेश करने को कहा गया है। अगली सुनवाई 9 सितंबर को होगी।

पुरा महत्व के स्मारकों का पुनरुद्धार

सुनवाई के दौरान यह बताया गया कि उद्यान में स्थित स्मारकों के संरक्षण के लिए एएसआइ ने वर्ष 2017-18 में 31 लाख रुपए तथा 2018-19 में 50 लाख रुपए व्यय किए हैं।
राज्य पुरातत्व विभाग में जनाना पैलेस में स्थित संग्रहालय के जीर्णोद्धार पर 1.25 करोड़ रुपए खर्च किए हैं और वीरों की दालान के लिए 2.70 करोड़ रुपए मंजूर किए गए हैं।

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