scriptमावे की कचौरी…सुनते ही मुंह में पानी…ऐसे तैयार होती है जोधपुरी मावे की कचौरी | jodhpuri mava kachori | Patrika News

मावे की कचौरी…सुनते ही मुंह में पानी…ऐसे तैयार होती है जोधपुरी मावे की कचौरी

locationजोधपुरPublished: Jul 22, 2019 10:12:00 pm

जानिए एेसे बनती है स्वीट डिश : मावे की कचौरी
जोधपुरी जायका

jodhpuri-mava-kachori

मावे की कचौरी…सुनते ही मुंह में पानी…ऐसे तैयार होती है जोधपुरी मावे की कचौरी

जोधपुर.केसरिया बालम आओ नी पधारो म्हारे देस रे…। पर्यटकों का प्रिय ब्लूसिटी जोधपुर अपनी कई विशेषताओं के लिए जाना जाता है। उनमें अदब और इज्जत के साथ आओ सा, पधारो सा, बिराजो सा, जीमो सा और अरोगो सा जैसे शब्द मेहमान का आदर और सत्कार करते हैं। यहां की मीठी बोली ही नहीं मधुर भाषा के साथ-साथ रहन-सहन और खान पान भी अहम हैं। जोधपुर की डिशेज की बात करें यूं तो यहां की कई लजीज चीजें मशहूर हैं, लेकिन उनमें मावे की कचौरी विश्वप्रसिद्ध है। आइए आपको बताते हैं मावे की कचौरी बनाने की कहानी :
डेढ़ सौ साल पहले रावतमल देवड़ा ने बनाई

हम इस वक्त खड़े हैं पावटा स्थित रावत की दुकान पर। यह वह परिवार है जिसने मावे की कचौरी सबसे पहले बनाई। यहां हमने मावे की कचौरी के इस परिवार से जुड़े रजनीश देवड़ा से बात की। उन्होंने बताया कि उनके परदादा रावतमल देवड़ा ने डेढ़ सौ साल पहले मावे की कचौरी बनाई थी। रजनीश ने बताया कि अब वे मावे की कचौरी बनाने की परंपरा को आगे बढ़ा रहे हैं।
बड़ी मावे की कचौरी बनाने का तरीका
रजनीश और उनके कारीगर विक्रमसिंह ने बताया कि फीके मावे से मावे की कचोरी बनाते हैं। मैदे में देसी घी का मोयन और पानी एक निश्चित अनुपात मिला कर मावे की बनी गोलियों को भरा जाता है। मावे की गोलियों में जावत्री, जायफल, छोटी इलायची और बड़ी इलायची मिलाते हैं, इसे कचोरी का भरावन या फिलिंग कहते हैं। इससे कचौरी तैयार होती है। कचौरी को देसी घी में तलते हैं। पूरी तरह पक जाने पर कचौरी में से घी निकाल देते हैं और इसे चाशनी में डुबो कर रखा जाता है। लीजिए तैयार हो गई मीठी खुशबू से महकती चाशनी में भीगी मावे की कचौरी। उन्होंने बताया कि एक किलो मैदे से २५-३० मावे की कचौरी तैयार हो जाती है।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो