इस पर मूल सिंह ने कुलपति के पास अपील की है। साथ ही कुलपति 9 वोट से विजेता रहे छात्रसंघ अध्यक्ष सुनील चौधरी की बीटैक डिग्री में कथित गड़बड़ी और निर्धारित समय पर चुनावी खर्च का ब्यौरा जमा नहीं करने पर चौधरी का नामांकन रद्द करने की मूल सिंह की आपत्ति पर भी सुनवाई करेंगे।
सुनवाई के बाद मूल सिंह का नामांकन खारिज करने या पुनर्मतगणना या छात्रसंघ अध्यक्ष का चुनाव निरस्त करने को लेकर कोई निर्णय सामने आएगा। इसी बीच विवि के मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीआरओ) प्रो. अवधेश शर्मा ने वाद विवाद के दरम्यान कहा कि मूल सिंह की अध्यक्ष पद के चुनाव के विरुद्ध आपत्ति दायर की हुई है जिसका निस्तारण अब तक नहीं हुआ है। ऐसे में सुनील चौधरी फिलहाल छात्रसंघ अध्यक्ष नहीं है।
6 घण्टे का घेराव, केवल आश्वासन लेकर निकले
जयनारायण व्यास विश्वविद्यालय में छात्रसंघ अध्यक्ष पद के लिए हुई मतगणना में कथित गड़बड़ी के आरोप में राजपूत समाज ने शेरगढ़ विधायक बाबू सिंह राठौड़ के नेतृत्व में विशाल रैली निकाली। खारिज मतों की पुनर्मतगणना और गायब 33 वोट को लेकर कुलपति कार्यालय में कुलपति प्रो. शर्मा, रजिस्ट्रार भंवर सिंह सांदू, सीआरओ प्रो. शर्मा, ग्रीवेंस रीड्रेसल कमेटी के अध्यक्ष प्रो. कमलेश पुरोहित का घेराव कर लिया गया।
जयनारायण व्यास विश्वविद्यालय में छात्रसंघ अध्यक्ष पद के लिए हुई मतगणना में कथित गड़बड़ी के आरोप में राजपूत समाज ने शेरगढ़ विधायक बाबू सिंह राठौड़ के नेतृत्व में विशाल रैली निकाली। खारिज मतों की पुनर्मतगणना और गायब 33 वोट को लेकर कुलपति कार्यालय में कुलपति प्रो. शर्मा, रजिस्ट्रार भंवर सिंह सांदू, सीआरओ प्रो. शर्मा, ग्रीवेंस रीड्रेसल कमेटी के अध्यक्ष प्रो. कमलेश पुरोहित का घेराव कर लिया गया।
कुछ समय बाद छात्रसंघ अध्यक्ष सुनील चौधरी द्वारा चुनाव परिणाम घोषित होने के दो सप्ताह के भीतर (25 सितम्बर तक) अपना चुनावी खर्च का हिसाब जमा नहीं करवाने का पता चला तो छात्रों ने विवि छात्रसंघ संविधान अनुसार उसका नामांकन रद्द करने की मांग की। इसके लिए कुलपति और विधायक-छात्रों के बीच तीखी नोक झोंक हुई।
केंद्रीय कृषि राज्यमंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत भी शाम को कुलपति कार्यालय पहुंच गए और सीआरओ प्रो. अवधेश शर्मा द्वारा नियमानुसार काम नहीं करने पर जवाब तलब किया। शेखावत ने प्रो. शर्मा को कहा कि वे अपनी ड्यूटी नहीं कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि विवि चिठ्ठियों, अपीलों में जानबूझकर समय बर्बाद कर रहा है। ग्रीवेंस कमेटी कोई विदेशी में थोड़ी है जो कई दिनों तक कागज दबाए बैठी रहती है। शाम तक रिपोर्ट आ जानी चाहिए थी लेकिन विवि केवल कागजी कार्यवाही करने में व्यस्त है। रात 8.30 बजे आक्रोशित छात्रों और विवि प्रशासन के बीच सहमति बनी।
इसी बीच आधे छात्र धरना स्थल से चले गए जबकि आधे जने रात 10 बजे तक विवि के बाहर बैठे रहे। जेएनवीयू कार्यालय के बाहर 1500 छात्रों का घेराव राजपूत समाज की ओर से बुधवार दोपहर डेढ़ बजे जेएनवीयू पुराना परिसर से रैली निकाली गई।
इससे पहले विधायक बाबूसिंह राठौड़, समाज अध्यक्ष हनुमान सिंह खांगटा, मूल सिंह राठौड़ सहित कई छात्र नेताओं और पदाधिकारियों ने पुराने परिसर में सभा को संबोधित किया। रैली दोपहर 2.30 बजे जेएनवीयू केंद्रीय कार्यालय के बाहर पहुंची। रैली में करीब 1500 छात्र शामिल थे। छात्र रात 8.30 बजे तक केंद्रीय कार्यालय के बाहर घेरा डालकर बैठे रहे। सभी छात्रों के लिए भोजन के पैकेट्स की व्यवस्था की गई।
33 वोट जेब में डालकर ले गए सीआरओ केंद्रीय मंत्री शेखावत
शाम 5 बजे कुलपति कार्यालय पहुंचे और गायब 33 वोट के बारे में जवाब तलब किया। शेखावत ने कहा कि 1989 में उनके समय सीआरओ जेब में वोट डालकर रवाना हो गए थे तब उन्हें पकड़ा गया था। इस बार भी ऐसा प्रतीत हो रहा है कि ये 33 वोट सीआरओ ने अपनी जेब में डाल दिए होंगे।
शाम 5 बजे कुलपति कार्यालय पहुंचे और गायब 33 वोट के बारे में जवाब तलब किया। शेखावत ने कहा कि 1989 में उनके समय सीआरओ जेब में वोट डालकर रवाना हो गए थे तब उन्हें पकड़ा गया था। इस बार भी ऐसा प्रतीत हो रहा है कि ये 33 वोट सीआरओ ने अपनी जेब में डाल दिए होंगे।
शेखावत ने कुलपति को कहा कि आप अंतिम निर्णायक नहीं है। अंतिम फैसला करने के लिए कोर्ट अभी बैठा है। सुनील ने खर्च किए 4950 रुपए सुनील चौधरी ने एक अक्टूबर को सीआरओ प्रो. शर्मा को ई-मेल कर दो लाइन में जानकारी दी कि उसका चुनावी खर्च 4 हजार 950 रुपए था। नियमानुसार सुनील को ऑडिटेड खर्च 25 सितम्बर तक प्रस्तुत करना था। इस मुद्दे पर छात्रों और कुलपति के बीच भीषण वाद-विवाद हुआ। पीछे कमरे में रजिस्ट्रार के साथ बातचीत करने गए कुलपति को जबरदस्ती उनके कक्ष में लाया गया।
कुलपति ने आखिर कहा ‘मैं जेल जाने से नहीं डरता हूं लेकिन बगैर अपील सुने किसी पर निर्णय नहीं दूंगा।’ छात्रों के नियम गिनाने पर कुलपति ने सुनील चौधरी के मेल के प्रिंट आउट पर हस्ताक्षर करके सीआरओ को कार्यवाही के निर्देश दिए लेकिन सीआरओ ने कहा कि वे सुनील का नामांकन खारिज करने से पहले उसे नोटिस देंगे। यह विवाद करीब दो घण्टे तक चला।
यह है मामला
छात्रसंघ चुनाव को लेकर 11 सितम्बर को हुई मतगणना में 9 वोट से सुनील चौधरी जीत गए थे। मूल सिंह की आपत्ति पर विवि की ग्रीवेंस रिड्रेसल कमेटी ने 22 सितम्बर को सुनवाई की थी, जिसमें सुनील चौधरी ने भी मूल सिंह के नकल प्रकरण को लेकर आपत्ति दायर की थी। कमेटी ने मूल सिंह की सभी आपत्तियों का सीआरओ, पीआरओ की रिपोर्टों के आधार पर खारिज कर दिया और सुनील की आपत्ति पर मूल सिंह का नामांकन ही खारिज करने की सिफारिश की गई थी।
छात्रसंघ चुनाव को लेकर 11 सितम्बर को हुई मतगणना में 9 वोट से सुनील चौधरी जीत गए थे। मूल सिंह की आपत्ति पर विवि की ग्रीवेंस रिड्रेसल कमेटी ने 22 सितम्बर को सुनवाई की थी, जिसमें सुनील चौधरी ने भी मूल सिंह के नकल प्रकरण को लेकर आपत्ति दायर की थी। कमेटी ने मूल सिंह की सभी आपत्तियों का सीआरओ, पीआरओ की रिपोर्टों के आधार पर खारिज कर दिया और सुनील की आपत्ति पर मूल सिंह का नामांकन ही खारिज करने की सिफारिश की गई थी।