छात्रों का कहना है कि प्रोफेसर चौहान ने 4 दिन में स्थिति स्पष्ट करने का आश्वासन दिया है। अभियान संयोजक अनिल जोलियाली ने बताया कि विवि छात्रसंघ की वर्तमान परिस्थिति को स्पष्ट नहीं कर पा रहा है। छात्रसंघ पदाधिकारियों को पद दिए जा रहे हैं। वहीं दूसरी ओर विश्वविद्यालय प्रशासन यह भी कह रहा है कि अभी तक विश्वविद्यालय का कोई छात्र संघ पदाधिकारी ही नहीं है।
छात्रसंघ पदाधिकारियों को बनाया सीनेट सदस्य
आपको बता दें कि जेएनवीयू प्रशासन ने छात्रसंघ चुनाव का निपटारा करने से पहले ही छात्रसंघ अध्यक्ष सुनील चौधरी और वरिष्ठ उपाध्यक्ष दिनेश पंचारिया को सीनेट का सदस्य बन दिया है। यह नियुक्ति प्रोफेसर गुलाब सिंह चौहान के कुलपति का कार्यभार ग्रहण करने के बाद की गई है। इससे पहले तत्कालीन कुलपति राधेश्याम शर्मा ने विवादों के बीच सुनील चौधरी को सिंडीकेट का सदस्य बना दिया था।
आपको बता दें कि जेएनवीयू प्रशासन ने छात्रसंघ चुनाव का निपटारा करने से पहले ही छात्रसंघ अध्यक्ष सुनील चौधरी और वरिष्ठ उपाध्यक्ष दिनेश पंचारिया को सीनेट का सदस्य बन दिया है। यह नियुक्ति प्रोफेसर गुलाब सिंह चौहान के कुलपति का कार्यभार ग्रहण करने के बाद की गई है। इससे पहले तत्कालीन कुलपति राधेश्याम शर्मा ने विवादों के बीच सुनील चौधरी को सिंडीकेट का सदस्य बना दिया था।
इसी सप्ताह आ सकता है निर्णय
संभावना है कि कुलपति चौहान एक नवंबर से शुरू हो रहे दिवाली अवकाश से पहले छात्रसंघ चुनाव विवाद पर अंतिम निर्णय दे सकते हैं। जेएनवीयू में छात्रसंघ चुनाव के बाद एनएसयूआई के सुनील चौधरी को 9 मतों से विजेता घोषित किया गया है। इसके बाद एबीवीपी के मूलसिंह ने गायब हुए 30 मत, खारिज किए गए 568 मत सहित 20 बिंदुओं पर आपत्ति दी थी।
संभावना है कि कुलपति चौहान एक नवंबर से शुरू हो रहे दिवाली अवकाश से पहले छात्रसंघ चुनाव विवाद पर अंतिम निर्णय दे सकते हैं। जेएनवीयू में छात्रसंघ चुनाव के बाद एनएसयूआई के सुनील चौधरी को 9 मतों से विजेता घोषित किया गया है। इसके बाद एबीवीपी के मूलसिंह ने गायब हुए 30 मत, खारिज किए गए 568 मत सहित 20 बिंदुओं पर आपत्ति दी थी।
– छात्रसंघ के सभी पदाधिकारियों ने तय सीमा के बाद चुनावी खर्च का ब्यौरा जमा नहीं कराया। अब विवि प्रशासन को ही निर्णय करना है। प्रोफेसर अवधेश शर्मा, मुख्य निर्वाचन अधिकारी, जेएनवीयू जोधपुर
– पूरा मामला समझने में दो-तीन दिन और लगेंगे। दिवाली के अवकाश से पहले इस विवाद का निपटारा कर दूंगा। प्रोफेसर गुलाब सिंह चौहान, कुलपति जेएनवीयू