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जोधपुर

जिला प्रमुख ने लोहावट विधायक को बोलने से रोका, बोले सदन की गरिमा में रहें

-साधारण सभा में मानहानिकारिक शब्द पर बोलने विधायक को दी चेतावनी, दुबारा बोलने पर दी कार्रवाई की चेतावनी-कांग्रेस से लोहावट विधायक किसनाराम विश्नोई एवं भाजपा से जिला प्रमुख पुनाराम चौधरी उलझते-उलझते बचे

जोधपुरFeb 20, 2019 / 10:22 pm

Kanaram Mundiyar

Jila Pramukh stopped the MLA from speak in jila parisad meeting

जिला प्रमुख ने लोहावट विधायक को बोलने से रोका, बोले सदन की गरिमा में रहें

जोधपुर.
जिला परिषद की साधारण सभा की बैठक में लोहावट विधायक किसनाराम विश्नोई और जिला प्रमुख पुनाराम चौधरी उलझते-उलझते बचे। विधायक विश्नोई ने अपने सम्बोधन में कहा कि गत सरकार के समय जिला प्रमुख ने चार साल के कार्यकाल में पैठ खराब कर ली, इनके राज में घोटाले हुए हैं। इसलिए इन्हें बोलना ही नहीं चाहिए। अब हमारा राज आ गया, अब ऐसा नहीं होगा। ऐसे शब्द सुनकर बतौर अध्यक्ष जिला प्रमुख ने विधायक की ओर से बोले गए शब्दों को मानहानिकारक के रूप में प्रोसेडिंग में जोडऩे का कह दिया और विधायक को बोलने से ही रोक दिया।
अध्यक्ष ने विधायक से कहा कि आप सदन अध्यक्ष के खिलाफ ऐसे शब्द नहीं बोल सकते। यह सदन की गरिमा के खिलाफ हैं। विधायक को बोलने से रोकने पर कांग्रेस सदस्यों ने एतराज जताया। इस पर लोहावट प्रधान भागीरथ विश्नोई ने मध्यस्ता करते हुए अध्यक्ष से आग्रह किया कि जिला परिषद की साधारण सभा में बीते चार साल में लोहावट विधायक एक बार भी नहीं आए, नए निर्वाचित लोहावट विधायक पहली बार आए हैं तो इन्हें तो पूरा बोलने दीजिए और इनके खिलाफ मानहानिकारक शब्द अंकित करने के निर्देश वापस लिए जाएं। इस पर अध्यक्ष ने विधायक को चेताते हुए कहा कि अब दुबारा ऐसे शब्द नहीं बोलें, चूंकि वे पहली बार आए हैं, इसलिए उनके खिलाफ प्रोसेडिंग में नहीं लिखा जा रहा है। अध्यक्ष ने सदन की गरिमा का हवाला देते हुए कहा कि यह भाषण का मंच नहीं है, इसलिए यहां केवल एजेंडे पर ही बात की जाएं। अध्यक्ष की चेतावनी के बाद विधायक नरम हो गए और एजेंडे के मुद्दों पर ही बात की।

यह है नियम और कार्रवाई-
राजस्थान पंचायतीराज नियम 1996 के 45 व 49 के तहत सदन का कोई सदस्य मानहानिकारक शब्द नहीं बोल सकता। ऐसे शब्द बोलने पर सदन अध्यक्ष ऐसे सदस्य नियम के तहत बैठक से तुरंत बाहर निकालने का आदेश दे सकता है और बैठक की कार्रवाई से निलम्बित कर सकता है।

तो बढ़ जाता विवाद-
यदि विधायक के मानहारिक शब्द प्रोसेेडिंग में दर्ज हो जाते और कार्रवाई के आदेश जारी हो जाते तो बैठक में विवाद बढ़ सकता था। क्योंंकि कांग्रेस के सदस्य अपनी सरकार के विधायक के खिलाफ इस तरह की कार्रवाई कतई नहीं चाहते।

बैठक में बोले सदस्य, उठाए ये मुद्दे-
-सदस्य विक्रमसिंह ने कहा कि प्रदेश में भले ही सरकार बदल गई है, लेकिन अफसरों का ढर्रा नहीं बदला है, अफसर काम नहीं कर रहे हैं और जानबूझ आपेक्ष लगाकर जनता के काम अटका रहे हैं।
-सदस्य अरविंद सांखला ने तिंवरी-मथानिया वृहद जल परियोजना का मुद्दा उठाया और कहा कि बावड़ी, भोपालगढ़ तथा मथानिया के कुछ गांवों को मांग के अंतिम छोर तक पानी नहीं मिल रहा।
-सदस्य श्यामलाल चौधरी ने भोपालगढ़ के गोदारा के बास में सीसी सड़क के अधूरे निर्माण का मुद्दा उठाया, जिस पर सदन अध्यक्ष ने सीईओ को जांच के आदेश दिए।
-सदस्य सत्यनारायण विश्नोई ने लोहावट में सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र एवं बिजली घर में लम्बे समय से स्वीकृत होने के बाद भी शुरू नहीं होने को लेकर अफसरों पर लापरवाही का आरोप लगाया और कहा कि अब तो हमारा राज है, अब तो कर दो।
-बापिणी प्रधान कमुं कंवर ने कहा कि उनकी ओर से स्वास्थ्य केन्द्रों का निरीक्षण किया गया, केन्द्र बंद मिले, इस पर सीएमएचओ डॉ. बलवंत मंडा ने कार्रवाई की बात कही।
-कांग्रेस से जिला परिषद सदस्य बोले, चार साल तक हम चुप रहे, अब हमारा राज है, अब तो अफसरों को जवाब देना पड़ेगा।

अब तो मुख्यमंत्री हमारे, फण्ड दिलाएं-
बैठक में कई सदस्यों ने लोहावट विधायक किसनाराम विश्नोई से आग्रह किया है कि अफसरों के अनुसार कई योजनाएं फण्ड के अभाव में अटक रही है। इसलिए विधायक सरकार से इन योजनाओं में फण्ड जारी करवाकर आगे बढ़ाएं। सदस्यों ने यह भी कहा कि अब तो मुख्यमंत्री भी जोधपुर के हैं, इसलिए हमें विकास के लिए फण्ड मिलने में कोई दिक्कत नहीं होनी चाहिए।
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