यह है नियम और कार्रवाई-
राजस्थान पंचायतीराज नियम 1996 के 45 व 49 के तहत सदन का कोई सदस्य मानहानिकारक शब्द नहीं बोल सकता। ऐसे शब्द बोलने पर सदन अध्यक्ष ऐसे सदस्य नियम के तहत बैठक से तुरंत बाहर निकालने का आदेश दे सकता है और बैठक की कार्रवाई से निलम्बित कर सकता है।
तो बढ़ जाता विवाद-
यदि विधायक के मानहारिक शब्द प्रोसेेडिंग में दर्ज हो जाते और कार्रवाई के आदेश जारी हो जाते तो बैठक में विवाद बढ़ सकता था। क्योंंकि कांग्रेस के सदस्य अपनी सरकार के विधायक के खिलाफ इस तरह की कार्रवाई कतई नहीं चाहते।
बैठक में बोले सदस्य, उठाए ये मुद्दे-
-सदस्य विक्रमसिंह ने कहा कि प्रदेश में भले ही सरकार बदल गई है, लेकिन अफसरों का ढर्रा नहीं बदला है, अफसर काम नहीं कर रहे हैं और जानबूझ आपेक्ष लगाकर जनता के काम अटका रहे हैं।
-सदस्य अरविंद सांखला ने तिंवरी-मथानिया वृहद जल परियोजना का मुद्दा उठाया और कहा कि बावड़ी, भोपालगढ़ तथा मथानिया के कुछ गांवों को मांग के अंतिम छोर तक पानी नहीं मिल रहा।
-सदस्य श्यामलाल चौधरी ने भोपालगढ़ के गोदारा के बास में सीसी सड़क के अधूरे निर्माण का मुद्दा उठाया, जिस पर सदन अध्यक्ष ने सीईओ को जांच के आदेश दिए।
-सदस्य सत्यनारायण विश्नोई ने लोहावट में सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र एवं बिजली घर में लम्बे समय से स्वीकृत होने के बाद भी शुरू नहीं होने को लेकर अफसरों पर लापरवाही का आरोप लगाया और कहा कि अब तो हमारा राज है, अब तो कर दो।
-बापिणी प्रधान कमुं कंवर ने कहा कि उनकी ओर से स्वास्थ्य केन्द्रों का निरीक्षण किया गया, केन्द्र बंद मिले, इस पर सीएमएचओ डॉ. बलवंत मंडा ने कार्रवाई की बात कही।
-कांग्रेस से जिला परिषद सदस्य बोले, चार साल तक हम चुप रहे, अब हमारा राज है, अब तो अफसरों को जवाब देना पड़ेगा।
अब तो मुख्यमंत्री हमारे, फण्ड दिलाएं-
बैठक में कई सदस्यों ने लोहावट विधायक किसनाराम विश्नोई से आग्रह किया है कि अफसरों के अनुसार कई योजनाएं फण्ड के अभाव में अटक रही है। इसलिए विधायक सरकार से इन योजनाओं में फण्ड जारी करवाकर आगे बढ़ाएं। सदस्यों ने यह भी कहा कि अब तो मुख्यमंत्री भी जोधपुर के हैं, इसलिए हमें विकास के लिए फण्ड मिलने में कोई दिक्कत नहीं होनी चाहिए।