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जेडीए-निगम नहीं तलाश पाया जमीन, मेडिकल सुविधाओं की करोड़ों की राशि लैप्स होने के कगार पर

locationजोधपुरPublished: Feb 21, 2019 11:35:32 am

Submitted by:

Harshwardhan bhati

शहर में सीएचसी व पीएचसी के लिए चिह्नित करनी थी जमीन
 

development of jodhpur

जेडीए-निगम नहीं तलाश पाया जमीन, मेडिकल सुविधाओं की करोड़ों की राशि लैप्स होने के कगार पर

स्टोरी : अविनाश केवलिया/कार्टून : आर पटेल/जोधपुर. संभागीय मुख्यालय के साथ जोधपुर प्रदेश का दूसरा सबसे बड़ा शहर है। इसी को देखते हुए संभागीय मुख्यालय पर तीनों शहरी विधानसभा क्षेत्र में एक-एक सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र (सीएचसी) स्वीकृत हुए थे। इसके अलावा प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र और मोहल्ला कियोस्क भी शहरी चिकित्सा सुविधा बढ़ाने के लिए स्वीकृत किए गए। इसके लिए विभाग ने बजट जारी किया और जमीन स्थानीय निकायों को चिह्नित कर उपलब्ध करवाने थी। लेकिन पिछले कई माह से न तो जमीन मिली और न ही यह सुविधाएं आगे बढ़ सकी। अब इस वित्तीय वर्ष की समाप्ति पर इस बजट के लैप्स होने का भी खतरा है। शहरी तीन विधानसभा क्षेत्रों में सीएचसी बनाने के लिए कुल 15 करोड़ का बजट पास हुआ।
लम्बे समय तक जब अलग से जमीन नहीं मिल पाई तो चिकित्सा विभाग ने पुरानी डिस्पेंसरी को ही विकसित कर राशि वहां लगाने का प्लान किया। शहर विधानसभा क्षेत्र में जूनी मंडी डिस्पेंसरी पर पांच करोड़ और रेजीडेंसी रोड डिस्पेंसरी पर पांच करोड़ खर्च करने का काम शुरू हो गया। अब तीसरी डिस्पेंसरी को चौपासनी क्षेत्र में शुरू करना है, लेकिन इसके लिए जमीन को अंतिम रूप नहीं दिया जा सकता है। इसके अलावा दो पीएचसी व 9 कियोस्क को भी जमीन का इंतजार है।
करोड़ों की राशि हो जाएगी लैप्स

चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग ने 5-5 करोड़ रुपए की राशि प्रत्येक सीएचसी के लिए आवंटित की थी। इनमें से एक शहर विधानसभा क्षेत्र के लिए सीएचसी की राशि को जूनी मंडी डिस्पेंसरी में लगाया गया। जमीन नहीं मिलती देख सरदारपुरा क्षेत्र की सीएचसी का पैसा रेजीडेंसी रोड डिस्पेंसरी में लगाया जा रहा है। लेकिन सूरसागर विधानसभा क्षेत्र की पांच करोड़ रुपए की राशि अब तक बची हुई है। इसके अलावा दो पीएचसी की डेढ़ करोड़ की राशि भी लैप्स होने के कगार पर है।
कई जमीन देखी लेकिन अंतिम रूप नहीं दिया

जेडीए की ओर से कई जमीनों का चिह्निकरण किया गया। इसके बाद मौका रिपोर्ट के कारण उन प्रस्तावों को या तो ठंडे बस्ते में डाल दिया या फिर रद्द कर दिया गया। अब एक दिन पहले ही दोनों विभागों के अधिकारियों ने बैठक कर रामराज नगर व राजीव गांधी नगर में जमीन चिह्नित की है। लेकिन अभी इस पर भी बात बनती नजर नहीं आ रही।
दो पीएचसी व 9 कियोस्क को भी जमीन की तलाश
सीएचसी के अलावा शहर में दो पीएचसी के लिए भी जमीन की आवश्यकता है। प्रत्येक पीएचसी के लिए करीब 75 लाख की स्वीकृति भी विभाग ने जारी कर रखी है। लेकिन अभी इनकी जमीन के लिए भी मशक्कत चल रही है। इसके अलावा एक कमरे में मोहल्ला कियोस्क संचालित करने के लिए भी जमीन की आवश्यकता है। इसमें से महज एक कियोस्क ही शहर में शुरू हो पाया है। 9 को अब तक इंतजार है।
अभी इनको जमीन का इंतजार

– एक सीएचसी
– दो पीएचसी
– 9 कियोस्क


इनका कहना…

हमने अभी तीन स्थानों पर जमीन और बताई है। चिकित्सा विभाग के अधिकारियों को प्लान में यदि जमीन पसंद आती है तो वह भी हम उन्हें उपलब्ध करवा देंगे।
– अरूण पुरोहित, सचिव, जोधपुर विकास प्राधिकरण

एक सीएचसी व दो पीएचसी के लिए हमें जमीन की आवश्यकता है। लेकिन कई जगह जमीन देखने के बाद अब तक अंतिम रूप नहीं दिया गया है। यदि अगले माह काम शुरू हो जाता है तो राशि लैप्स होने से बच जाएगी।
– डॉ. बलवंत मंडा, मुख्य चिकित्सा एचं स्वास्थ्य अधिकारी, जोधपुर

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