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जोधपुर

International Rare Disease Day : दुर्लभ बीमारियों के बारे में न समझना खतरनाक

जोधपुर ( jodhpur news current news ). कुछ बीमारियां एेसी होती हैं जो पता ही नहीं चलती हैं ( medical news ) । मरीज तो अनजान होता ही है ( hospital news )। ये रेयर डिसीज होते हैं। कुछ डॉक्टर भी बहुत बाद में इसके बारे में जान पाते हैं( latest nri news in hindi ) । इंटरनेशनल रेयर डिसीज डे ( International Rare Disease Day ) पर जानें रेयर डिसीज के बारे में मेडिकल एक्सपट्र्स की राय :

जोधपुरFeb 28, 2020 / 09:44 am

M I Zahir

International Rare Disease Day : Understand about rare diseases

International Rare Disease Day : Understand about rare diseases

एम आई जाहिर / जोधपुर ( jodhpur news current news ) .कुछ अरसा पहले जोधपुर में एक मरीज को इलाज करवाने के अरसे बाद डाउन सिंड्रोम की बीमारी के बारे में मालूम हुआ ( medical news )। उस समय यह पता ही नहीं चला कि उसे यह बीमारी है ( hospital news )। दरअसल आम और चर्चित बीमारियां तो सभी को पता होती है,लेकिन कई बीमारियां दुर्लभ होती हैं जो आम डॉक्टर के बजाय केवल अनुभवी डॉक्टर ही समझ पाते हैं। चिकित्सकीय भाषा में जिसे रेयर डिसीज कहते हैं। एक्सपर्ट डॉक्टर्स का मानना है कि ये डवलपमेंटल बीमारियां होती हैं। एेसे केसेज में कहीं पैदा होने से पहले ही बच्चे जुड़े ह़ुए होते हैं। इन केसेज में बच्चे की ग्रोथ प्रॉपर नहीं होती। चिकित्सक बताते हैं कि किसी के हाथों व पैरों में मिला कर कुल 24 या 30 अंगुलियां होती हैं। किसी का दिल लेफ्ट की जगह राइट साइड होता है। किसी का लीवर राइट की जगह लेफ्ट में होता है। किसी के पैर में से ब्रेस्ट निकल जाता है ( latest nri news in hindi ) । आइए इंटरनेशनल रेयर डिसीज डे ( International Rare Disease Day ) पर एेसी ही कुछ बीमारियों के बारे में जानें:
क्रोमोसोम्स जीन या जिनेटिक बीमारियां
ये क्रोमोसोम्स जीन या जिनेटिक और डवलपमेंटल बीमारियां होती हैं। कुछ एलर्जीज भी होती हैं। एेसे ही 10 लाख में से किसी एक व्यक्ति के एक छोटी पूंछ होती है। इसे एटाविज्म कहते हैं। मरीज में जन्मजात एन्जाइम की कमी होती है। उनका मेटाबॉलिज्म डिस्ऑर्डर या यूं कहें कि मेटाबॉलिज्म खराब होता है। एेसे रोगी पेरासिटामॉल या एेसी दूसरी टेबलेट पचा नहीं पाते।
-डॉ हर्ष भाटी( Dr Harsh Bhati ) ,ऑर्थोपेडीशियन,जोधपुर

डाक्टर्स अपडेट रहेंगे तो अच्छा इलाज होगा
नये डॉक्टर्स को समझना होगा कि अगर कोई मरीज दूसरी, तीसरी बार आया है और बार-बार नई समस्याएं बता रहा है तो उसके साथ समय बिताना जरूरी है। ट्रीटमेंट पार्ट में अपनी ईगो साइड में रख कर पेशेंट का इलाज करना चाहिए। मेडिकल साइंस की नई जानकारी, प्रयोगों और दवाइयों के बारे में अपडेट रहेंगे तो एेसे मरीजों का समय पर अच्छा इलाज होगा।
-डॉ.रोहित माथुर ( Dr Rohit Mathur ) , कॉर्डियोलॉजिस्ट,जोधपुर

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