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भारत से शीशम पर बैन हटने की उम्मीद जगी

locationजोधपुरPublished: Jun 14, 2019 07:32:49 pm

Submitted by:

Amit Dave

– कई पड़ौसी देशों ने भारत का समर्थन किया
– सितंबर की प्रस्तावित बैठक में हट सकता है बैन
– जोधपुर के निर्यातकों को होगा फायदा

jodhpur

भारत से शीशम पर बैन हटने की उम्मीद जगी

जोधपुर।

अन्तरराष्ट्रीय स्तर पर निर्यात होने वाली शीशम की लकड़ी के उत्पादों पर लगा प्रतिबंध हटने की उम्मीद जगी है। भारत सरकार के बॉटनीकिल सर्वे ऑफ इंडिया द्वारा शीशम के उत्पादन पर नॉन डिट्रिमेंटल फ ाइडिंग स्टडी (एनडीएफ) रिपोर्ट तैयार की गई। भारत द्वारा यह रिपोर्ट अन्तरराष्ट्रीय संस्था कन्वेंशन ऑन इंटरनेशनल ट्रेड इन एनडेंजर्ड ऑफ वाइल्ड फ ाउना एंड फ्लोरा (साइटस) को भेज दी गई है। साइटस की आगामी 18वीं अन्तरराष्ट्रीय कन्वेंशन मीटिंग में इस पर चर्चा की जाएगी । खास बात यह है कि भारत की इस रिपोर्ट का पड़ौसी देश बांग्लादेश, नेपाल व भुटान समर्थन दे चुके है व इन देशों ने भी माना है कि शीशम भारत में पूरी तरह खतरे से बाहर है । भारत की कई ओर भी कई देशों से इस संबंध में समर्थन के लिए बात चल रही है । साइटस की 18वीं मीटिंग को करवाने के लिए श्रीलंका ने 1 से 13 सितंबर का प्रस्ताव दिया है । इसके लिए साइटस की कमेटी विचार कर जल्द ही तिथि तय करेगी। पहले यह मीटिंग 23 मई को श्रीलंका के कोलम्बो में होनी थी लेकिन श्रीलंका में 21 अप्रेल को आतंकी हमले के कारण इस मीटिंग स्थागित कर दिया गया था । युनाइटेड नेशन्स का सिक्योरिटी दल जल्द ही श्रीलंका का दौरा कर मीटिंग की अगली तारीख व स्थान निर्धारित करेगा।
एनडीफ रिपोर्ट के अनुसार भारत में शीशम विलुप्त होती प्रजाति नहीं है व इस लकड़ी की कई जगह किसानों द्वारा खेती की जाती है । जोधपुर के उद्योगों में रीढ़ की हड्डी कहे जाने वाले हैण्डीक्राफ्ट उद्योग में शीशम की लकड़ी से बने कलात्मक फर्नीचर की पूरे विश्व में डिमांड है। देश से शीशम की लकड़ी के उत्पादों का करीब २ हजार करोड़ रुपयों का निर्यात होता है। इसमें सबसे ज्यादा निर्यात जोधपुर से होता है, जो करीब 1200 करोड़ का है, साइटस की रोक के बाद निर्यात घटकर करीब 400 करोड़ रुपए हो गया है। साइटस ने शीशम को लकड़ी की विलुप्त होती प्रजाति मानते हुए 2 जनवरी 2017 से शीशम की लकड़ी के व्यवसायिक गतिविधियों व निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया था।

साइटस की मीटिंग पर जोधपुर से शीशम उत्पादों के निर्यात पर उम्मीदें टिकी है। नीति आयोग पूरे मामले पर नजर रख रहा है। केन्द्रीय जल शक्ति मंत्री गजेन्द्रसिंह शेखावत इस मामले में निर्यातकों की मदद कर रहे है ।
डॉ. भरत दिनेश, अध्यक्षजोधपुर हैण्डीक्राफ्ट्स एक्सपोर्टर्स एसोसिएशन

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