हाईकोर्ट ने अप्रेल में सीआइडी (सीबी) को एक महीने में गंभीरतापूर्वक जांच करने और विस्तृत स्टेटस रिपोर्ट कोर्ट में पेश करने के आदेश दिए थे, लेकिन अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक भरत राज ने किसी नतीजे पर पहुंचने के लिए कोर्ट से एक महीने का समय और मांग लिया।
याचिकाकर्ता कर्नल जयंत कुमार की ओर से अधिवक्ता मोहित सिंघवी ने कोर्ट को बताया कि नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी के छात्र रहे विक्रांत का शव 14 अगस्त, 2017 को मंडोर रेलवे स्टेशन की पटरी के पास पाया गया था।
घटना के बाद यूनिवर्सिटी ने जांच के लिए प्रयास करने की बजाय इसे आत्महत्या घोषित कर दिया। विक्रांत के पिता जयंत कुमार ने मृत्यु के कारणों की जांच के लिए प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज करने के कई बार प्रयास किए, लेकिन पुलिस ने कार्यवाही नहीं की।
लगातार प्रयास के बाद जून, 2018 में सीआइडी सीबी ने एफआईआर दर्ज की। इसके बावजूद अनुसंधान में कोई प्रगति नहीं हुई, जिसे हाईकोर्ट के संज्ञान में लाया गया। सुनवाई के दौरान अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक राज ने कोर्ट में स्टेटस रिपोर्ट पेश की। उन्होंने गंभीरतापूर्वक जांच के लिए कोर्ट से एक महीने का समय देने की मांग की, जिस पर न्यायाधीश मनोज कुमार गर्ग ने एक महीने का समय देते हुए एसआइटी गठित करने के आदेश दिए। अगली सुनवाई 19 अगस्त को होगी।