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-जोधपुर संक्रामक रोग संस्थान के लिए संसाधन नहीं जुटाने पर हाईकोर्ट खफा

locationजोधपुरPublished: Aug 19, 2019 10:55:49 pm

Submitted by:

yamuna soni

कोर्ट ने कहा कि किसी भी चिकित्सा केंद्र को सेंटर ऑफ एक्सीलेंस या स्तरीय संस्थान बनाने के लिए सकारात्मक मंशा होनी चाहिए। यदि जिम्मेदार सही मंशा से आगे बढ़ेंगे तो उनके लिए कोई अड़चन नहीं आएगी, लेकिन सोच में ही फर्क होगा तो हर आदेश अड़ंगा नजर आएगा

HC angry over not getting resources for Infectious Disease Institute

-जोधपुर संक्रामक रोग संस्थान के लिए संसाधन नहीं जुटाने पर हाईकोर्ट खफा

जोधपुर (jodhpur). जोधपुर स्थित संक्रामक रोग संस्थान (Institute of Infectious Diseases, Jodhpur) को सेंटर ऑफ एक्सीलेंस (Center of excellence) बनाने के लिए विशेषज्ञ कमेटी की रिपोर्ट पर राज्य सरकार की सैद्धांतिक सहमति के बावजूद मानव संसाधन जुटाने के लिए आवश्यक कदम नहीं उठाने पर राजस्थान हाईकोर्ट (rajasthan highcourt) ने सोमवार को कड़ी टिप्पणी की।
कोर्ट ने कहा कि किसी भी चिकित्सा केंद्र को सेंटर ऑफ एक्सीलेंस या स्तरीय संस्थान बनाने के लिए सकारात्मक मंशा होनी चाहिए।

यदि जिम्मेदार सही मंशा से आगे बढ़ेंगे तो उनके लिए कोई अड़चन नहीं आएगी, लेकिन सोच में ही फर्क होगा तो हर आदेश अड़ंगा नजर आएगा।
कोर्ट ने अतिरिक्त महाधिवक्ता को रिपोर्ट को लागू करने का रोडमैप स्पष्ट करने को कहा है।


वरिष्ठ न्यायाधीश संगीत लोढ़ा तथा न्यायाधीश पीके लोहरा की खंडपीठ में स्वप्रसंज्ञान के आधार पर दर्ज जनहित याचिका की सुनवाई के दौरान अतिरिक्त महाधिवक्ता पंकज शर्मा ने बताया कि सरकार रिपोर्ट के आधार पर आवश्यक कदम उठा रही है।
न्याय मित्र विकास बालिया ने एक बार फिर कहा कि इस संस्थान सहित राजकीय चिकित्सालयों की प्रयोगशालाओं का नियामकीय संस्थाओं से अधिप्रमाणन होना आवश्यक है।

इसी आधार पर रिपोर्ट की प्रामाणिकता का पता चल सकेगा। हाईकोर्ट ने एसएन मेडिकल कॉलेज के पूर्व प्रिंसिपल डॉ. अरविंद माथुर, डिपार्टमेंट ऑफ हैल्थ रिसर्च, केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के पूर्व सचिव डॉ. वीके कटोच तथा संक्रामक रोग निदान के विशेषज्ञ व सीएमसी हॉस्पिटल, वेल्लूर के डॉ. ओसी अब्राहम को सम्मिलित करते हुए एक विशेषज्ञ कमेटी का गठन किया था, जिसने हाल ही अपनी रिपोर्ट सौंपी है।

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