इस बीच कुलपति प्रो. राधेश्याम शर्मा से शेरगढ़ विधायक बाबूसिंह राठौड़ ने सोमवार मुलाकात की। करीब दो घंटे चली मुलाकात में विधायक सिंह ने मूलसिंह की ओर से उठाई गई आपत्तियों पर चर्चा करते हुए कुलपति से अध्यक्ष पद की मतगणना में गायब हुए 33 वोट और मतगणना केंद्र में अनधिकृत प्रवेश करने वाले विवि के स्थाई कर्मचारियों और दो ठेकाकर्मियों के विरुद्ध पुलिस में प्राथमिकी दर्ज करवाने की मांग की। सिंह ने कहा कि विवि प्रशासन का फैसल आने के बाद इस मामले को अदालत में ले जाने और आंदोलन की रूपरेखा पर निर्णय किया जाएगा। गौरतलब है कि विवि के छात्रसंघ चुनाव में एनएसयूआई के प्रत्याशी सुनील चौधरी ने निकटतम एबीवीपी के प्रत्याशी मूल सिंह को 9 वोट से हराया था। मतगणना के दौरान कुल वोट में से 33 वोट गायब थे और करीब 550 वोट खारिज किए गए थे।
कुलपति से यह कहा विधायक ने – पुनर्मतगणना में केवल सुनील चौधरी के वोट की गिनती हुई। उसमें दो वोट मूलसिंह के निकले। अध्यक्ष पद के अन्य प्रत्याशी दमाराम व अरविंदसिंह राजपुरोहित के वोट भी पुन: गिने जाने चाहिए थे।
– विवि में करीब 150 दृष्टिबाधित विद्यार्थियों के वोट पोलिंग पार्टी ने ही डाल दिए।
– अध्यक्ष पद के लिए डाले गए कुल मतों में से 33 वोट गायब हो गए। ये वोट सीआर की मतदान पेटी से निकले वोटों की गिनती क्यों नहीं की गई।
– पीआरओ ग्वाला, प्रो. अयूब खान कांग्रेस के प्रमाणित कार्यकत्र्ता हैं, इनको मतगणना कक्ष में प्रवेश क्यों करने दिया गया।
– चाय पिलाने वाले सहित दो ठेकाकर्मी ने भी वोटों की गिनती की काउंटिंग की। वे वोट गायब कर सकते थे।