जिले में करीब 33 हजार हैक्टेयर में 8 लाख मीट्रिक टन सब्जियों का उत्पादन होता है। इस पर करीब 50 हजार किसान परिवारो की आजीविका निर्भर है। बुवाई से उत्पादन तक किसान हर चुनौती का सामना कर लेते हैं लेकिन बिचौलियों की मनमानी और विपणन के स्थाई संसाधनों की कमी किसानों को आर्थिक गर्त में ले जा रही है। एक तरफ किसानों को सब्जी उत्पादन लागत के आधे दाम भी नहीं मिल पाते वहीं उपभोक्ता तक यह सब्जी किसान को मिले मूल्य से 10 गुणा अधिक भाव में उपलब्ध होती है। विपणन की इस असंतुलित चैन का खमियाजा किसान व उपभोक्ता को भुगतना पड़ रहा है।
बिचौलिये हड़प रहे मुनाफा
सब्जी उत्पादक किसानों को बिचौलियों के कारण सही भाव नहीं मिल रहे हैं। पिछले करीब 4-5 सालों में अच्छे उत्पादन के बाद भी किसानों को घाटा उठाना पड़ रहा है। सुमेर चौधरी, सब्जी उत्पादक किसान
‘सरकार जैसे समर्थन मूल्य पर कृषि उपज खरीदती है, उसी तरह सब्जियों के लिए भी खरीद प्रक्रिया तय की जानी चाहिए। अन्यथा बिचौलिए फायदा उठाते रहेंगे। तुलछाराम सिंवर, प्रांत प्रमुख, भारतीय किसान संघ जोधपुर
सब्जी– क्षेत्रफ ल – उत्पादन – लागत (रु में) प्याज —- 20183 — 471125 – 09
लहसुन — 3500 — 153125 – 35
गाजर —- 3000 — 150000 – 10
पत्ता गोभी —- 455 — 4166 – 09
फ ूल गोभी—– 397 — 3827 – 10