जोधपुर. एेतिहासिक उम्मेद सागर की नहरों से बरसाती पानी गुरों का तालाब में आता था। साल-दर साल इन नहरों को पाट दिया गया और अब बरसाती पानी इसमें नहीं आता। पिछले कुछ समय से यहां मछलियों के मरने की घटनाएं हो रही है। फोटो - मनोज सैन
जोधपुर. एेतिहासिक उम्मेद सागर की नहरों से बरसाती पानी गुरों का तालाब में आता था। साल-दर साल इन नहरों को पाट दिया गया और अब बरसाती पानी इसमें नहीं आता। पिछले कुछ समय से यहां मछलियों के मरने की घटनाएं हो रही है। फोटो - मनोज सैन
जोधपुर. एेतिहासिक उम्मेद सागर की नहरों से बरसाती पानी गुरों का तालाब में आता था। साल-दर साल इन नहरों को पाट दिया गया और अब बरसाती पानी इसमें नहीं आता। पिछले कुछ समय से यहां मछलियों के मरने की घटनाएं हो रही है। फोटो - मनोज सैन
जोधपुर. एेतिहासिक उम्मेद सागर की नहरों से बरसाती पानी गुरों का तालाब में आता था। साल-दर साल इन नहरों को पाट दिया गया और अब बरसाती पानी इसमें नहीं आता। पिछले कुछ समय से यहां मछलियों के मरने की घटनाएं हो रही है। फोटो - मनोज सैन
जोधपुर. एेतिहासिक उम्मेद सागर की नहरों से बरसाती पानी गुरों का तालाब में आता था। साल-दर साल इन नहरों को पाट दिया गया और अब बरसाती पानी इसमें नहीं आता। पिछले कुछ समय से यहां मछलियों के मरने की घटनाएं हो रही है। फोटो - मनोज सैन