वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के लिए सुप्रीम कोर्ट जाना है,समय दिया जाए: सीबीआइ
अनुसूचित जाति जनजाति की विशेष न्यायालय की पीठासीन अधिकारी अनिमा दाधीच की अदालत में सोमवार को बहुचर्चित भंवरी प्रकरण में सुनवाई शुरू हुई। गत पेशी में सीबीआइ ने अमेरिकी डीएनए एक्सपर्ट अंबर बी-कार को भारत-अमेरिका के बीच हुई संधि के तहत समन भेजने की प्रक्रिया की जानकारी दे कर समय मांगा था लेकिन सोमवार को सीबीआइ के अधिवक्ता ने कोर्ट के सामने फिर से एक आवेदन पेश कर दिया।
आवेदन में यह दलील दी गई कि सीबीआइ हाईकोर्ट के उस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाना चाहती है जिसमें वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से अंबर बी-कार के बयान कराने से इनकार कर दिया था। सीबीआइ ने न्यायालय से कहा कि सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाने के लिए समय दिया जाए। इस पर बचाव पक्ष के अधिवक्ता जगमालसिंह चौधरी, संजय विश्नोई सहित अन्य अधिवक्ताओं ने कहा कि सीबीआइ का यह नया पैंतरा केवल न्यायालय में सुनवाई टालने के लिए है।
सीबीआइ हर बार सुनवाई को टालने के लिए कुछ न कुछ नया बहाना ले आती है। अधिवक्ताओ ने कहा कि जब सीबीआइ ने पिछली पेशी पर समन जारी करने के लिए समय चाहा था उस समय सुप्रीम कोर्ट जाने की कोई बात नहीं की इसलिए सीबीआइ के इस आवेदन को खारिज किया जाए। न्यायाधीश ने मामले की गंभीरता को देखते हुए मंगलवार को इस मामले की फिर से सुनवाई का आदेश दिया।