कला है वह, जो ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचे सुमनकंवर ने कहा कि मेरा एक ही उद्देश्य है कि मुझ में जो कला है वह ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचे। मैंने बहुत सी संस्थाओं विद्यालयों में निशुल्क डांस की वर्कशॉप दी है। मैं उन बच्चों के लिए आगे आगे आना चाहती हूं, जो डांस में रुचि रखते हैं, लेकिन उनके पास सुख सुविधा नहीं है और ना वे सीखने में सक्षम होते हैं।
सभी डांस स्टाइल अच्छी मानती हैं उन्होंने बताया कि कम उम्र में बहुत मेहनत की पढ़ाई के साथ साथ डांस भी जारी रखा और सभी डांस स्टाइल अच्छी मानती हैं। बचपन से कला व नृत्य में रुचि थीं। पिता नेपालसिंह सिसोदिया ने हौसला बढ़ाया। डांस की पहली गुरु माता सरोजकंवर की इच्छा थी कि एक अच्छी कोरियोग्राफर और नृत्यांगना बनूं और इस क्षेत्र में माता ने मुझे उत्साहित व सपोर्ट किया। उन्होंने रेडियो चला कर डांस के स्टेप सिखाए, फिर दूसरी डान्स के दूसरे स्टाइल कत्थक के लिए गुरु त्रिलोकसिंह चौहान के पास भेजा।
लड़कियों को डांस सिखाती हूं सुमन ने बताया कि कत्थक में झुंझुनूं के जितेंद्र चौहान से तालीम ली। हाल ही में रमजान जी का हत्था बनाड़ रोड एकता नगर में रहती हूं। एक स्कूल के आेनर मोहम्मद साबिर ने भी स्कूल का प्रांगण निशुल्क दिया और मैं वहां उन लड़कियों को डांस सिखाती हूं। इन बच्चों ने मेरे माध्यम से बहुत से प्लेटफार्म व कॉम्पिटिशन में हिस्सा लिया और मुझे मेरी मेहनत का परिणाम दिया।
अचीवमेंट एंड कन्ट्रीब्युशन
-डांस कॉम्पिटिशन नाच 13 में फस्र्ट रनर अप रहीं।
-फोक डांस में नेशनल व स्टेट लेवल पर अपना परचम लहरा चुकी हैं।
-जोधपुर नगर निगम की ओर से कला व संस्कृति के क्षेत्र में प्रशस्ति पत्र प्रदान किया गया।
-जयनारायण व्यास विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों को फोक डांस की ट्रेनिंग दी और जिन्होंने 35 वें वेस्ट जोन इंटर यूनिवर्सिटी फोक डांस यूथ फेस्टिवल 2019 में चौथा स्थान प्राप्त किया।