scriptमहापौर ने निगम में फैले भ्रष्टाचार के खिलाफ एसीबी को लिखा पत्र तो निगमकर्मियों ने किया यह खुलासा | Corruption in Jodhpur Nagar Nigam - Mayor | Patrika News
जोधपुर

महापौर ने निगम में फैले भ्रष्टाचार के खिलाफ एसीबी को लिखा पत्र तो निगमकर्मियों ने किया यह खुलासा

निगम की नौटंकीकमिश्नर ने कहा- मैं कुछ नहीं कर सकता, जो गलत है उस पर कार्रवाई होगी

जोधपुरJun 29, 2018 / 02:22 pm

Jitendra Singh Rathore

Jodhpur,jodhpur news,Jodhpur Hindi news,jodhpur latest news,Nagar nigam jodhpur,jodhpur mayor ghanshyam ojha,jodhpur mayor takes meeting,

महापौर ने निगम में फैले भ्रष्टाचार के खिलाफ एसीबी को लिखा पत्र तो निगमकर्मियों ने किया यह खुलासा

जोधपुर. महापौर की ओर से नकारा नौकरशाह से तंग आकर नगर निगम में चल रहे भ्रष्टाचार के खिलाफ एसीबी में परिवाद क्या दर्ज करवाया, निगम कर्मचारियों में हड़कंप मच गया। कर्मचारियों ने गुरुवार को कमिश्नर से मुलाकात कर सफाई दी कि वे कार्रवाई करने जाते हैं, लेकिन बड़े-बड़े लोगों के फोन उनके पास आ जाते हैं। राजनीतिक दखल के कारण उन्हें उल्टे पांव लौटना पड़ता है। इस पर कमिश्नर ने लाचारी जताते हुए कहा कि वे इस मामले में कुछ नहीं कर सकते। कोई गलत है तो कार्रवाई होगी। वहीं नगर निगम में डेढ़-दो घंटे तक कमिश्नर ओमप्रकाश कसेरा के आने का इंतजार कर रहे कर्मचारियों ने सभागार में बैठक की। महापौर के परिवाद का पुरजोर विरोध किया। कमिश्नर कसेरा के आने के बाद कर्मचारियों ने अपनी पीड़ा जाहिर की। इस पर कसेरा ने भी दो टूक शब्दों में कह दिया कि वे कोई मदद नहीं कर सकते। ऊपर से फोन आते हैं तो वे कार्रवाई निर्देशों में दर्ज करें। गलत कार्य करने वाला किसी सूरत में नहीं बख्शा जाएगा।
निगम कर्मचारी नेता राजेश तेजी ने बताया कि वे इस मामले में अभी तक महापौर घनश्याम ओझा से नहीं मिले। इस दौरान करीब दस मिनट तक कमिश्नर व कर्मचारियों में वार्ता चली। बोले- जिन्होंने निगमकर्मियों को चोर बता दिया, अब उनसे मिलकर क्या करेंगे।
इस मौके पर सुरेश तेजी, नरेन्द्र हर्ष, बंशीधर पुरोहित, रजनीश बारासा, हरिभजन परिहार, मदन परिहार, नेमीचंद, सुमनेश पुरोहित, सुमनेश व्यास, सुबोध व्यास, मदनसिंह परिहार सहित कई कर्मचारी नेता मौजूद थे।

महापौर ने आयुक्त को भी लिखा था पत्र
महापौर के आदेशों की पालना नहीं करने वाले अधिकारियों के खिलाफ प्रभावी कार्रवाई के लिए उन्होंने आयुक्त को भी 29 मई को पत्र लिखा था। इसमें महापौर ने पिछले तीन वर्षों से जारी यूओ नोट पर कार्रवाई नहीं कर लीपापोती करने वालों के खिलाफ नाराजगी जताई थी। आयुक्त को यह निर्देश भी जारी किए थे कि अवैध निर्माण के चलते जान-माल के नुकसान में दोषी अधिकारियों के वेतन व पेंशन से मुआवजे की राशि वसूली जाए।
पत्रिका ने किया था उजागर

नकारा नौकरशाही से महापौर की नाराजगी को पत्रिका ने लगातार उजागर किया। यूओ नोट जारी होने पर भी मौके पर कार्रवाई नहीं होने की स्थिति को 12 मई को ‘एसी में हुई बैठकों के आदेशों को लगी लूÓ शीर्षक से प्रकाशित समाचार में उजागर किया था।
65 भवन किए थे चिह्नित, कार्रवाई आज तक नहीं
पूर्व कमिश्नर हरिसिंह राठौड़ के समय अवैध बिल्डिंग चिह्नित करने के लिए कमेटी गठित की गई थी। इस कमेठी ने 65 भवनों को चिन्हित कर उस पर कार्रवाई शुरू की थी, लेकिन राजनीतिक दखल से कार्रवाई रुक गई व कमेटी के सदस्यों का स्थानांतरण कर दिया गया। आज तक यह 65 अवैध भवन खड़े हैं, इन पर कोई कार्रवाई नहीं हुई।
–तेवर —
महापौर के आदेश पर नहीं करेंगे काम : निगमकर्मी कर्मचारी नेताओं का कहना है कि निगम में मेयर अपना सिस्टम फॉलो करें और हम अपना। अब कोई भी कार्य प्रशासनिक अधिकारी के आदेश पर ही किया जाएगा। खफा कर्मचारियों ने महापौर द्वारा सीधे आदेश दिए जाने पर कार्य नहीं करने का ऐलान किया। उन्होंने कहा कि महापौर हमें सीधा आदेश देते थे जबकि नियमों के अनुसार उन्हें प्रशासनिक अधिकारी को आदेश जारी करने होते हैं। अधिकारी आगे कर्मचारी को कहता है।
–पड़ताल–
इन 4 मामलों से समझें कार्रवाई का सच 1. सरदारपुरा में अवैध बेसमेंट की खुदाई करने वाले भूखंड मालिक पवन वैष्णव के खिलाफ महापौर को कानूनी कार्रवाई करनी थी लेकिन बीच में आकर समझौता करवाया गया।
2. हाउसिंग बोर्ड में अवैध निर्माण के चलते छत गिरने के मामले में भूखंड मालिक की अन्य 9 अवैध दुकानों की फाइल भी निगम में है। उस पर कार्रवाई पर रोक लगा दी जबकि महापौर को उस पर कड़ा निर्णय लेना चाहिए था।
3. रायबहादुर मार्केट के पास नाले पर बेसमेंट खोद कर अवैध निर्माण करने वाले के खिलाफ कोई कानूनी कार्रवाई नहीं हुई जबकि महापौर को इसके खिलाफ भी मामला दर्ज करवाना था।
4. हाथीराम का ओडा में अवैध प्लास्टिक गौदाम संचालित करने वाले से फायर ब्रिगेड की गाडिय़ों का खर्च तक नहीं वसूला गया जबकि बायलॉज में निजी संस्थान में हादसे के बाद प्रत्येक गाड़ी का एक हजार रुपए वसूला जाता है। हादसे में दमकलों के सौ फेरे हुए थे।

Hindi News/ Jodhpur / महापौर ने निगम में फैले भ्रष्टाचार के खिलाफ एसीबी को लिखा पत्र तो निगमकर्मियों ने किया यह खुलासा

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो