लालटेन पर कला का प्रदर्शन किया परिषद के नवीन अरोड़ा ने बताया कि कार्यक्रम के तहत शहर के चित्रकारों और कला के विद्यार्थियों ने लालटेन पर कला का प्रदर्शन किया। रंग मल्हार कार्यक्रम का उद्देश्य रंगों के माध्यम से इन्द्रदेव को मनाना एवं देश में शान्ति व हरियाली की कामना एवं कलाकारों को कला मंच प्रदान करना है ।
कुदरती खूबसूरती के संग चित्रांकन इस अनूठे कार्यक्रम में जोधपुर के 70 कलाकारों ने लालटेन पर चित्रकारी की। इस कार्यक्रम का जोधपुर सहित अन्य 13 शहरों में एक साथ आयोजन किया गया। कार्यक्रम के संयोजक केशव वरनोती ने बताया कि जोधपुर में रंग मल्हार कार्यक्रम का पहली बार आयोजन हुआ है, इसमें जोधपुर के कलाकारों ने लालटेन पर चित्रकारी कर अंधेरे से उजाले की ओर जाने, कला और संस्कृति, प्रकृति और पर्यावरण जागरूकता के साथ सुख और खुशहाली की कामना की।
सुबह और शाम खुशगवार फिजा में एेसा था नजारा जोधपुर में सवेरे सवेरे मंद मंद ठंडी बयार बह रही थी। एेसे में सुबह 8 बजे से रंग मल्हार शुरू हुआ। इसमें शहर के कलाकारों ने लालटेन पर विभिन्न रंगों से चित्रकारी की। शाम का नजारा यह था कि ये चित्रित लालटेन महिला बाग झालरा और हैरिटेज रेस्टोरेंट में प्रदर्शित किए गए।
कला के सारथी और साक्षी
इस कार्यक्रम के सभी प्रतिभागियों को समाजसेवी व उद्यमी सुनील तलवार और नमस्ते राजस्थान के शरद शर्मा ने प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया। इस अवसर पर चित्रकार यतीश कासरगोड ने धन्यवाद ज्ञापित किया। कार्यक्रम में जोधपुर के वरिष्ठ चित्रकार एस.एम. अब्बासी, अशोक दय्या, धर्मदेव शर्मा,अर्जुनसिंह राठौड़, अजयसिंह राजपुरोहित, प्रदीप्त दास, वंदनासिंह भाटी, केशव वरनोती,य तीश कासरगोड ,रूपक पात्रा, मनोजकुमार सांधा और नवीन अरोड़ा आदि ने शिरकत की।
अतीत के झरोखे से कला का सिलसिला
इस कार्यक्रम की परिकल्पना प्रदेश के प्रख्यात चित्रकार डॉ. विद्यासागर उपाध्याय ने 2010 मे की थी और यह कार्यक्रम पहली बार जयपुर में आयोजित किया गया था। उसके बाद यह कार्यक्रम लगातार राजस्थान के कई शहरों में आयोजित किया जा रहा है। पहली बार 2010 में छतरी, 2011 में हैट, 2012 में मास्क, 2013 में फिरकी, 2014 में कार, 2015 में ग्लोब, 2016 में हेलमेट और 2017 में साइकिल के बाद इस बार 2018 में प्रदेश के 14 शहरों में एक ही दिन लालटेन पर चित्रकारी खूबसूरत और कलात्मक चित्रकारी की।