scriptछोटी आंत से नया ब्लेडर बनाकर कैंसर मरीजों को दी राहत | Cancer relief from the small intestine by creating new bladder | Patrika News

छोटी आंत से नया ब्लेडर बनाकर कैंसर मरीजों को दी राहत

locationजोधपुरPublished: May 21, 2019 09:55:50 pm

Submitted by:

Abhishek Bissa

एमडीएम अस्पताल

Cancer relief from the small intestine by creating new bladder

छोटी आंत से नया ब्लेडर बनाकर कैंसर मरीजों को दी राहत

जोधपुर. मथुरादास माथुर अस्पताल में पिछले 3 माह में पेशाब की थैली के कैंसर के करीब 20-25 मरीजों के ऑपरेशन विभिन्न तकनीकों से किए गए। इनमें से 4 मरीजों के ऑपरेशन अत्यधिक जटिल व लम्बे समय तक चले। इन मरीजों में पेशाब की थैली को पूरा बाहर निकाल उसकी जगह छोटी आंत से नया ब्लेडर बनाकर मरीजों को राहत दी गई।
यूरोलोजी विभागाध्यक्ष डॉ. प्रदीप शर्मा ने बताया कि इन चारों मरीजों की उम्र 70 -75 वर्ष व अधिक थी। मरीजों में कैंसर की जड़े पेशाब की थैली में काफ ी अन्दर तक फैल चुकी थी। यह मरीज पहले 3 से 4 बार दूरबीन का ऑपरेशन करा चुके थे। इसमें से 2 मरीज ऐसे थे, जिनका इलाज रेडियो थैरेपी से भी किया गया। इन चारों मरीजों में बडे व जटिल आपरेशन करने के अलावा कोई अन्य विकल्प नहीं था। सभी ऑपरेशन करने में कम से कम 6-8 घंटे का समय लगा। हर ऑपेशन में 2-3 यूनिट खून की आवश्यकता पड़ी। इस तरह के ज्यादातर कैंसर के मरीज रेडियोथेरेपी में रेफ र किए जाते थे या फि र अहमदाबाद व मुम्बई के अस्पतालों में कूच करते थे। जिसमें प्राइवेट में ऑपरेशन कराने पर 8 से 10 लाख रूपये तक का खर्च आता था। ऑपरेशन के दौरान डॉ. एमके छाबड़ा, डॉ. गोरधन चौधरी, डॉ. आरके सारण, समस्त रेजिडेंट, सर्जरी विभाग के डॉ. गणपत चौधरी, डॉ. अवधेश शर्मा, ऐनेस्थेसिया टीम के डॉ. डीएस चौहान, डॉ. नीलम मीणा, डॉ. शोभा उज्जवल का सम्मिलित सहयोग रहा। डॉ. एसएन मेडिकल कॉलेज प्रिंसिपल डॉ. एसएस राठौड़ व अधीक्षक डॉ. एमके आसेरी
ने पूरी टीम को बधाई दी।
ये थी मरीजों को तकलीफ

इन मरीजों को पेशाब में खून आने की बीमारी थी, जिससे मरीज को खून की कमी के साथ ही शरीर में कमजोरी आ जाती। इस बीमारी की वजह से बार बार खून चढ़ाने की जरूरत पड़ती थी। खून का थक्का बनने के कारण मरीज की पेशाब तक बंद हो जाती।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो