रात आठ बजे तक ही शिल्पी जेल से बाहर आ सकेगी। कानूनी जानकारों के अनुसार अब आसाराम को भी राहत मिलने की सम्भावना बढ़ गई है। कोर्ट में शिल्पी की और से वरिष्ठ अधिवक्ता महेश बोड़ा ने पक्ष रखा। वहीं पीड़िता की और से पीसी सोलंकी ने पक्ष रखा था।
शिल्पी को 20 साल की सजा दी थी निचली अदालत ने
SC/ST कोर्ट के तत्कालीन पीठासीन के अधिकारी मधुसूदन शर्मा ने आसाराम मामले की सह अभियुक्त तथा छिंदवाड़ा आश्रम की हॉस्टल वार्डन शिल्पी को सहअभियुक्त मानते हुए इसी वर्ष 25 अप्रैल को अपना फैसला सुनाया था। जिसमें कोर्ट ने सहअभियुक्त शिल्पी को 20 साल की कैद की सजा सुनाई थी।
SC/ST कोर्ट के तत्कालीन पीठासीन के अधिकारी मधुसूदन शर्मा ने आसाराम मामले की सह अभियुक्त तथा छिंदवाड़ा आश्रम की हॉस्टल वार्डन शिल्पी को सहअभियुक्त मानते हुए इसी वर्ष 25 अप्रैल को अपना फैसला सुनाया था। जिसमें कोर्ट ने सहअभियुक्त शिल्पी को 20 साल की कैद की सजा सुनाई थी।
शिल्पी को इन धाराओं में मिली थी सजा
मामले की सह आरोपी शिल्पी के खिलाफ आईपीएस की धारा 109, 120 बी, पोक्सो की धारा 17 व जेजे कानून की धारा 23 के तहत 20 साल की सजा मिली थी।
मामले की सह आरोपी शिल्पी के खिलाफ आईपीएस की धारा 109, 120 बी, पोक्सो की धारा 17 व जेजे कानून की धारा 23 के तहत 20 साल की सजा मिली थी।