याचिकाकर्ता की ओर से पैरवी करते हुए वरिष्ठ अधिवक्ता महेश बोड़ा ने कहा कि जिला कलक्टर व जिला मजिस्ट्रेट की अध्यक्षता वाली पैरोल कमेटी की ओर से आसाराम के लिए पूर्व में मांगी गई बीस दिन की पैरोल अर्जी को 2 नवंबर 2018 को खारिज कर दिया गया है।
जबकि प्रथम पैरोल आसाराम का अधिकार है। क्योंकि पांच साल से अधिक समय होने के बावजूद अभी तक जेल में हैं जहां उसका आचरण भी संतोषजनक है। इसलिए जिला कलेक्टर के आदेश को निरस्त करते हुए आसाराम को 20 दिन की पेरोल देने के आदेश जारी करें।
इस पर सरकार की ओर से पैरवी कर रहे एएजी शिवकुमार व्यास व उनके सहयोगी हनुमानसिंह गौड़ के माध्यम से सरकार को नोटिस जारी करते हुए दो सप्ताह में जवाब तलब किया गया।