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बेटे नारायण को सजा के बाद अब आसाराम को लेकर आई ये बड़ी खबर

locationजोधपुरPublished: May 01, 2019 01:04:56 pm

Submitted by:

santosh

अपने ही गुरुकुल की नाबालिग छात्रा से दुष्कर्म के मामले में अंतिम सांस तक जेल में रहने की सजा काट रहे आसाराम को पुत्र नारायण को आजीवन कारावास की सजा सुनाए जाने का पता लगा।

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जोधपुर। अपने ही गुरुकुल की नाबालिग छात्रा से दुष्कर्म के मामले में अंतिम सांस तक जेल में रहने की सजा काट रहे आसाराम को पुत्र नारायण को आजीवन कारावास की सजा सुनाए जाने का पता लगा। यह सुनते ही चेहरे पर मायूसी छा गई। आसाराम के साथ रहने वाले बंदियों ने भी उससे बात की। जोधपुर के केन्द्रीय कारागार में सजा भुगत रहे आसाराम ने गुजरात के सूरत कोर्ट के फैसले पर मिशनरी ताकतों व कांग्रेस के बड़े नेताओं पर आरोप लगाए।
उन्होंने कहा कि मिशनरी ताकतों की साजिश की वजह से पहले आसाराम और अब पुत्र नारायण को सजा सुनाई गई है। जोधपुर जेल में आसाराम ने कहा कि मिशनरी व कांग्रेस के बड़े नेता उसके पीछे पड़े हैं। पहले उन्होंने आसाराम और फिर नारायण को फंसाया। दोनों के ऊपर लगे आरोपों को आसाराम ने साजिश करार दिया।
मालूम हो कि सूरत की एक अदालत ने जेल में बंद कथावाचक आसाराम बापू के बेटे नारायण साईं को बलात्कार और अप्राकृतिक यौनाचार के एक सनसनीखेज मामले में मंगलवार को उम्रकैद और पांच लाख रुपए जुर्माने की सजा सुनाई। अदालत ने गत 26 अप्रेल को अदालत ने उन्हें दोषी ठहराया था। इस मामले के तीन अन्य आरोपियों और आसाराम के अनुयायियों गंगा और यमुना नाम की दो महिलाओं और हनुमान नाम के शख्स को दस-दस साल की सजा और पांच पांच हजार के जुर्माने की सजा सुनाई गई है।
फरारी के दौरान नारायण की गाड़ी चलाने वाले रमेश मल्होत्रा नाम के पांचवें आरोपी को छह माह की सजा सुनाई गई है। सभी आरोपी 60 दिन के अंदर हाई कोर्ट में अपील कर सकते हैं। आज सजा के बिंदु पर सुनवाई के दौरान बचाव पक्ष ने कम से कम सजा करने का आग्रह किया था, जबकि अभियोजन ने अधिकतम सजा और 25 लाख के जुर्माने की मांग की थी।
सत्र न्यायाधीश प्रतापदान गढ़वी की अदालत ने नारायण के अलावा दो महिलाओं समेत चार सह आरोपियों को दोषी ठहराया था तथा छह अन्य को बरी कर दिया था। इन लोगों ने उक्त अपराध के मामले में कथित तौर पर साईं की मदद की थी। सरकारी वकील ने बताया कि अन्य चार सह आरोपियों में गंगा जमुना नाम की दो महिलाएं और हनुमान नाम के पूर्व साधक तथा साई की फरारी के दौरान उनकी गाड़ी चलाने वाले मल्होत्रा को दोषी ठहराया था, जबकि कुल 11 में से छह अन्य आरोपियों को बरी कर दिया था।
नारायण के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 376 (बलात्कार), 377 (अप्राकृतिक दुष्कर्म) 354 (महिला की अस्मत पर हमला), 323 (जानबूझ कर चोट पहुंचाना), 504 (अपमानित करना), 506 (2) (डराना धमकाना) , 120 बी (आपराधिक षड्यंत्र )और 114 (अपराध को बढ़ावा देना) के तहत दोषी ठहराया गया है। नारायण के खिलाफ सूरत की एक युवती ने छह अक्टूबर, 2013 को यहां जहांगीरपुरा थाने में शिकायत दर्ज कराई थी। उसने आरोप लगाया था कि जब वह आसाराम की साधिका थी, तभी 2002 से 2005 के बीच नारायण ने उसके साथ यहां स्थित आश्रम में कई बार बलात्कार किया था।
पीडि़ता की बड़ी बहन ने भी उसी दिन आसाराम के खिलाफ भी ऐसा ही आरोप लगाते हुए मामला दर्ज कराया था। उसका कहना था कि आसाराम ने वर्ष 1997 से 2006 के बीच अहमदाबाद के मोटेरा आश्रम में उससे बलात्कार किया था। उस मामले को अहमदाबाद स्थानांतरित कर दिया गया था, जहां गांधीनगर में एक अदालत उसकी सुनवाई कर रही है। मामला दर्ज होने के बाद लगभग दो माह तक फरार रहे नारायण को हरियाणा के कुरूक्षेत्र से दिल्ली पुलिस ने दिसंबर, 2013 में पकड़ा था और तब से वह यहां लाजपुर सेंट्रल जेल में बंद है।
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