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नागतालाब के निकट रिंग रोड निर्माण पर सेना की आपत्ति

locationजोधपुरPublished: Sep 25, 2019 07:59:10 pm

Submitted by:

yamuna soni

-सेना को संपूर्ण रिकॉर्ड कोर्ट में पेश करने के निर्देश

नागतालाब के निकट रिंग रोड निर्माण पर सेना की आपत्ति

नागतालाब के निकट रिंग रोड निर्माण पर सेना की आपत्ति

जोधपुर.

राजस्थान हाईकोर्ट (rajasthan high court) ने नागतालाब स्थित सैन्य संस्थापन (Military Establishment at Nagaltab) के निकट रिंग रोड के निर्माण पर आपत्ति के मामले में सेना को इस संबंध में हुए पत्राचार सहित संपूर्ण मूल रिकॉर्ड पेश करने के निर्देश दिए हैं। इस मामले में गुरुवार को सुनवाई जारी रहेगी।
वरिष्ठ न्यायाधीश संगीत लोढ़ा और न्यायाधीश विनीतकुमार माथुर की खंडपीठ में रवि लोढ़ा की ओर से दायर अवमानना याचिका की सुनवाई के दौरान नेशनल हाईवे ऑथोरिटी (NHAI) के अधिवक्ता अंकुर माथुर ने नागतालाब स्थित सैन्य संस्थापन के 900 मीटर तक निर्माण निषिद्ध क्षेत्र की अधिसूचना का हवाला देते हुए बताया कि सेना ने रिंग रोड के निर्माण पर आपत्ति जताई है।
जबकि यह रिंग रोड वर्तमान में आवागमन के लिए चालू सड़क को विस्तारित करते हुए ही बनाई जानी है। केंद्र सरकार की ओर से अधिवक्ता बीएस संधू ने बताया कि रक्षा मंत्रालय (Ministry of Defence) ने नागतालाब के सैन्य संस्थापन की संवेदनशीलता को देखते हुए 900 मीटर तक निर्माण निषिद्ध क्षेत्र घोषित किया था।
बोर्ड ऑफ ऑफिसर्स भी रिंग रोड के प्रस्ताव को खारिज कर चुका है। इस संबंध में आवश्यक जानकारी मुख्यालय को भेजी जा चुकी है। अब इस संबंध में नेशनल हाईवे ऑथोरिटी को रक्षा मंत्रालय स्तर पर वार्ता करनी चाहिए। उन्हें सेना की आपत्ति की जानकारी पिछले साल सितंबर महीने में ही दी जा चुकी थी।
माथुर ने कहा कि जिस अधिसूचना का उल्लेख किया जा रहा है उसमें निर्माण निषिद्ध क्षेत्र में भवन निर्माण पर रोक है, जबकि नागतालाब क्षेत्र में केवल मौजूदा सडक़ के विस्तार का कार्य किया जाएगा।
संधू ने बताया कि पिछले साल दिसंबर में नई अधिसूचना के बाद निर्माण निषिद्ध क्षेत्र में किसी तरह की अनापत्ति देने का अधिकार स्थानीय स्तर पर नहीं है।

याचिकाकर्ता के अधिवक्ता अशोक छंगाणी ने कहा कि सेना अधिसूचना की गलत व्याख्या कर रिंग रोड निर्माण को बाधित कर रही है। कोर्ट ने सुनवाई के दौरान मौजूद सैन्य अधिकारियों से पूछा कि हाईवे ऑथोरिटी के प्रस्ताव की जानकारी मुख्यालय को भेजी या नहीं, इस पर बताया गया कि बोर्ड ऑफ ऑफिसर्स की असहमति की जानकारी को उच्च स्तर पर सूचित किया गया है।
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