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RAJ ELECTION 2018 : मानवेंद्र और वसुंधरा में सीधे मूंछ की लड़ाई का ऐलान

locationजोधपुरPublished: Nov 17, 2018 06:45:09 pm

Submitted by:

M I Zahir

जोधपुर. राजस्थान ही नहीं, देश-विदेश में आज की सबसे ज्यादा हॉट न्यूज यह है कि कांग्रेस के मानवेंद्रसिह और भाजपा की वसुंधरा राजे के बीच झालरापाटन में दिलचस्प और शानदार चुनावी मुकाबला होगा।
 
 
 

Announcement of Mustache Action between Manvendra and Vasundhara Raje

Announcement of Mustache Action between Manvendra and Vasundhara Raje

जोधपुर. राजस्थान ही नहीं, देश-विदेश में आज की सबसे ज्यादा हॉट पॉलिटिकल न्यूज यह है कि कांग्रेस के मानवेंद्रसिह और भाजपा की वसुंधरा राजे के बीच झालरापाटन विधानसभा क्षेत्र में रोचक और शानदार चुनावी मुकाबला होगा। पूरे प्रदेश ही नहीं, देश भर की इस पर निगाहें रहेंगी। यह मुकाबला अब दोनों ही पार्टियों के लिए इज्जत का सवाल बन गया है।
लोकसभा चुनाव 2014 में कर्नल सोनाराम को भाजपा से उम्मीदवार बनाया गया था। इसे वसुंधरा राजे ने अपनी प्रतिष्ठा का प्रश्न बना लिया था और कर्नल सोनाराम की जीत के लिए व्यक्तिगत तौर पर रुचि लेकर प्रचार किया था। तब भाजपा नेता जसवंतङ्क्षसह को टिकट नहीं मिलने और बाड़मेर जैसलमेर से निर्दलीय चुनाव लडऩे के साथ शुरू हुई मूंछ की लड़ाई का राजस्थान विधानसभा चुनाव 2018 में सीधे तौर पर ऐलान हो गया है। कांग्रेस ने शनिवार को मानवेन्द्रसिंह को वसुंधराराजे के सामने झालरापाटन से टिकट दे दिया है। इस तरह राजनीति के प्याले में तूफान आ गया है।
देश की राजनीति में हलचल

मानवेन्द्रसिंह- वसुंधरा के मुकाबले ने पूरे प्रदेश के साथ ही देश की राजनीति में हलचल मचा दी है और अब बाड़मेर-जैसलमेर का परिदृश्य एकदम बदला बदला नजर आ रहा है। इससे मानवेन्द्रसिंह के समर्थकों में खुशी और जोश का संचार हो रहा है। मानवेन्द्रसिंह की पत्नी चित्रासिंह शिव में कांग्रेस प्रत्याशी अमीन खां के नामांकन दाखिल करने के अवसर पर वहां में पहुंची हुई थीं, जहां यह खबर पता चलते ही जिंदाबाद के नारे गूंज उठे।
कभी जसवंत- वसुंधरा हुए थे आमने सामने

जसवंतसिंह ने सन 2014 के लोकसभा चुनावों में भाजपा से बाड़मेर-जैसलमेर संसदीय क्षेत्र से टिकट मांगा था, लेकिन भाजपा ने उन्हें टिकट न देकर कांग्रेस से भाजपा में आए कर्नल सोनाराम चौधरी को चुनाव मैदान में उतारा था। इस पर जसवंसिंह निर्दलीय चुनाव लड़े थे। तब यहां कर्नल सोनाराम चौधरी का नामांकन भरने पहुंची वसुंधराराजे ने कहा था कि यह मूंछ की लड़ाई है और जसवंतसिंह ने कहा था कि महारानियों के मूंछें कब से हुईं?
जब जसवंत चुनाव हारे, मानवेन्द्र नाराज
जसवंतसिंह लोकससभा चुनाव हार गए। मानवेन्द्र उस वक्त भाजपा से शिव के विधायक थे। वे पार्टी के साथ नहीं रहे और अंदरूनी तौर पर पिता के साथ थे। मानवेन्द्र मुख्यमंत्री और सरकार से पांच साल तक नाराज रहे और उन्होंने पार्टी के किसी भी कार्यक्रम में हिस्सा नहीं लिया।
स्वाभिमान रैली से बदला दृश्य

को मानवेन्द्रसिंह ने गत 22 सितंबर नाराज राजपूतों व अन्य समर्थकों के साथ पचपदरा में स्वाभिमान रैली निकाली और यहां ऐलान किया कि कमल का फूल मेरी भूल। उसके बाद मानवेन्द्र ने 17 अक्टूबर को दिल्ली में राहुल गांधी के आवास पर कांग्रेस ज्वाइन कर ली। इसके बाद उन्होंने कहा था कि वे विधानसभा चुनाव नहीं लड़ेगे। एेसा कयास लगाया जा रहा था कि
वे लोकसभा चुनाव लड़ेंगे।
मानवेन्द्र अभी दिल्ली में

मानवेन्द्रसिंह अभी दिल्ली में है। बताया जा रहा है कि कांग्रेस की पहली सूची आने के बाद मानवेन्द्र और राहुल गांधी की मुलाकात हुई थी और टिकट वितरण को लेकर भी दोनों ने चर्चा की थी।


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