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नरेगा कार्यस्थलों को लेकर मिल रही शिकायतों के बाद ली जिलेभर के मेट की परीक्षा

locationजोधपुरPublished: Jun 14, 2019 10:36:28 pm

2480 पास, 596 मेट फेलफेल हुए मेट को देंगे प्रशिक्षण
नरेगा कार्यस्थलों पर श्रमिकों को नहीं मिलती पर्याप्त सुविधाएं

After getting complaints about NREGA workplaces, Lee District Sub-Met

नरेगा कार्यस्थलों को लेकर मिल रही शिकायतों के बाद ली जिलेभर के मेट की परीक्षा

जोधपुर.
भीषण गर्मी के दौरान जिले में मनरेगा कार्यस्थलों श्रमिकों के लिए छाया-पानी की व्यवस्था और काम को लेकर नरेगा मेट्स के बारे में मिल रही शिकायतों के बाद जिला परिषद ने गुरुवार को जिले के 3076 मेट्स की परीक्षा आयोजित करवाई। पंचायत मुख्यालयों पर एक घंटे की परीक्षा में मेट्स से नरेगा श्रमिकों से कार्य कराने और श्रमिकों के लिए आश्वयक व्यवस्था सहित 100 अंक के प्रश्न पूछे गए। परीक्षा में 2480 मेट पास हुए और 596 फेल हुए। फेल हुए मेट्स को अब प्रशिक्षण दिया जाएगा।
गौरतलब है कि राजस्थान पत्रिका के 6 जून के अंक में ‘पानी न छांव, मनरेगा श्रमिक खुद चंदे से कर रहे पेयजल व्यवस्था’ शीर्षक से खबर प्रकाशित कर धुंधाड़ा, शेरगढ़ और देणोक समेत आस-पास के गांवों में मनरेगा श्रमिकों को जानलेवा गर्मी में हो रही परेशानी उजागर की थी। इसके बाद श्रमिकों के लिए पानी व छाया की व्यवस्था के साथ लूणी पंचायत समिति के मेट्स को प्रशिक्षण दिया गया था।
जिला परिषद सीइओ अंशदीप ने बताया कि नरेगा मेट्स के बारे में काफी समय से कार्य सही तरीके से नहीं करवाने और श्रमिकों के लिए आवश्यक व्यवस्था नहीं होने की शिकायतें मिल रही थीं। इसके बाद पर मेट्स को नरेगा कार्यों की जानकारी देने और नरेगा कार्यो में गुणवता बढ़ाने के लिए से गुरुवार को जिलेभर में पंचायत मुख्यालयों पर गुरुवार सुबह 11 से 12 बजे तक लिखित परीक्षा आयोजित की गई। इनमें से कुछ पंचायतों में मेटो की संख्या अधिक होने पर दो चरणों में परीक्षा हुई। प्रश्न पत्र में नरेगा के कार्यो, टास्क, श्रमिकों के लिए कार्यो के दौरान व्यवस्था सम्बधित प्रश्न पूछे गए। पास होने के लिए 100 में से 40 अंक हासिल करने थे। परीक्षा में 596 मेट फेल हुए।
पत्रिका ने उठाया था मुद्दा
पत्रिका ने मनरेगा श्रमिकों को जानलेवा गर्मी में बिना छाया व पानी के कार्य कर रहे श्रमिकों की परेशानी उजागर की थी। नियमों के अनुसार श्रमिकों के लिए कार्यस्थल पर पानी व छाया की व्यवस्था करने की जिम्मेदारी मेट की होती है। पत्रिका में खबर प्रकाशित होने के बाद जिला परिषद सीइओ ने बीडीओ से मनरेगा कार्यस्थल पर श्रमिकों के लिए गर्मी से बचने के आवश्यक इंतजाम के बारे में रिपोर्ट मांगी थी।

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