अब वकील नहीं बोलेंगे, माय लॉर्ड! समानता के अधिकार पर फुल कोर्ट के प्रस्ताव पर रजिस्टार जनरल ने जारी किया नोटिस
जोधपुरPublished: Jul 15, 2019 01:31:22 pm
न्यायाधीशों को माय लॉर्ड और यॉर लॉर्डशिप जैसे संबोधनों को समानता के अधिकार के अनुरूप नहीं मानते हुए हाइकोर्ट की पूर्ण पीठ की महत्वपूर्ण बैठक में इस संबंध में प्रस्ताव पारित किया गया कि इनका उपयोग बंद करने के लिए अधिवक्ताओं को अनुरोध किया जाए।
जोधपुर. अक्सर कोर्ट रूम में वकीलों द्वारा न्यायाधीशों को माय लॉर्ड कहकर संबोधित करते हुए सुना होगा। लेकिन अब ख़ुद न्यायपालिका ने इस संबोधन से परहेज़ करने के लिए अधिवक्ताओं से आग्रह किया है। न्यायाधीशों को माय लॉर्ड और यॉर लॉर्डशिप जैसे संबोधनों को समानता के अधिकार के अनुरूप नहीं मानते हुए हाइकोर्ट की पूर्ण पीठ की महत्वपूर्ण बैठक में इस संबंध में प्रस्ताव पारित किया गया कि इनका उपयोग बंद करने के लिए अधिवक्ताओं को अनुरोध किया जाए। इस पर कोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल की ओर से सोमवार को नोटिस भी जारी किया गया है। उल्लेखनीय है कि हाईकोर्ट की पूर्णपीठ की बैठक रविवार को जयपुर में संपन्न हुई। मुख्य न्यायाधीश एस रविन्द्र भट्ट के कार्यकाल में हुई पूर्णपीठ की इस पहली बैठक में जोधपुर पीठ के न्यायाधीशों ने भी भाग लिया। इस अवसर पर यह तय किया गया संविधान में निहित समानता के अधिकारों को ध्यान में रखते हुए न्यायाधीशों को माय लॉर्ड आदि से संबोधित नहीं किया जाना चाहिए। इसी सप्ताह न्यायाधीशों की एक कमेटी की बैठक भी हुई थी। जिसमें भी न्यायिक अधिकारियों से जुड़े मुद्दों पर चर्चा हुई थी।