अब तक जांच में सामने आया है कि खरीद केन्द्रों पर लहसुन पहुंचा ही नहीं। सिर्फ कागजों में ही २६ करोड़ से अधिक रुपए की खरीद हुई थी। इसकी तह तक जाने के लिए एसीबी अब खरीद दस्तावेजों में उल्लेखित ट्रकों के नम्बर व इनके चालकों के मोबाइल नम्बर की लोकेशन खंगाली जाएगी। ताकि यह स्पष्ट हो सके कि खरीद के दौरान वो कहां मौजूद थे? इसकी तह तक जाने के लिए एसीबी अब खरीद दस्तावेजों में उल्लेखित ट्रकों के नम्बर व इनके चालकों के मोबाइल नम्बर की लोकेशन खंगाली जाएगी। ताकि यह स्पष्ट हो सके कि खरीद के दौरान वो कहां मौजूद थे?