गौरतलब है कि किसानों से समर्थन मूल्य पर लहसुन खरीद करने के लिए ३० मई से ३० जून तक जोधपुर व मथानिया में खरीद केन्द्र खोले गए थे, लेकिन किसानों की बजाय व्यापारियों ने गड़बड़ी कर करोड़ों रुपए के वारे-न्यारे किए थे। उन्होंने कोटा व मध्यप्रदेश के किसानों से सस्ते दामों पर लहसुन खरीदा था और इन खरीद केन्द्रों पर बेच दिया था। इस संबंध में मथानिया के श्यामलाल गहलोत के परिवाद पर एसीबी की टीम जांच कर रही है।