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सीएम की घोषणा गांवों में बेअसर थी, अब पशुओं का पानी स्वीकृत हुआ तो आपको भी मिल सकेगी राहत

locationजोधपुरPublished: Aug 24, 2019 07:51:57 pm

Submitted by:

Avinash Kewaliya

– ग्रामीण क्षेत्र में 70 लीटर प्रति व्यक्ति तक उपयोग करने पर नहीं आएगा अब बिल
– जिले में 50 हजार से ज्यादा ग्रामीण परिवार होंगे लाभान्वित

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जितना पानी जलस्रोतों में आया उससे दो गुना पेयजल सप्लाई में चला जाएगा

जोधपुर.
नए वित्तीय वर्ष से पानी सप्लाई में राहत का ऐलान कर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (ashok gehlot) ने सभी का ध्यान खींच लिया था। लेकिन पिछले तीन-चार माह से इसका जमीनी स्तर पर फायदा नहीं मिल रहा। इसका प्रमुख कारण है जोधपुर जैसे मरुस्थलीय जिलों में ग्रामीण पेयजल योजनाएं बनती थी 70 लीटर प्रति व्यक्ति उपभोग के हिसाब से। अब वित्त विभाग के एक प्रस्ताव को सीएम ने सहमति देकर डेजर्ट डिस्ट्रिक्ट के लोगों को राहत दी है।
ऐसे समझें गणित
जोधपुर सहित 13 ऐसे मरुस्थलीय जिले हैं जहां ग्रामीण क्षेत्र में जो भी पेयजल योजना बनती है तो वहां 70 लीटर प्रति व्यक्ति उपभोग माना जाता है। जबकि सामान्य जिलों में यह उपभोग 40 लीटर प्रति व्यक्ति ही माना जाता है। ग्रामीण क्षेत्रों में पानी का वितरण मीटर से नहीं बल्कि औसत से होता है। ऐसे में जब सीएम ने 40 लीटर उपभोग तक किसी प्रकार का चार्ज नहीं लेने की बात कही तो मरुस्थलीय जिलों को राहत नहीं मिल रही थी।
क्या है डेजर्ट स्कीम
दरअसल, मरुस्थलीय गांवों में कुल 70 लीटर पानी प्रति व्यक्ति के लिहाज से दिया जाता है। इसमें 40 लीटर पानी तो इंसान के उपभोग के लिए और 30 लीटर पानी पशुओं के लिए होता है। जो भी पेयजल योजना बनती है वह इसी लिहाज से पूरे प्रदेश में होती है। लेकिन सीएम की शुरुआती घोषणा में इस बात का ध्यान नहीं रखा गया तो अब इसे हरी झंडी दी गई है।
प्राकृतिक स्रोत नहीं इसलिए सरकार पर निर्भर
मरुस्थलीय जिलों में प्राकृतिक जलस्रोत की कमी सरकार ने मानी है। इसीलिए यहां पशुओं के लिए 30 लीटर पानी का औसत रखा गया है। यह पानी सरकार ही सप्लाई करती है। अन्य जिलों में जल स्रोत होने पर वहां यह भार सरकार पर नहीं होता।
फैक्ट फाइल

– 70 लीटर प्रति व्यक्ति पानी का उपभोग मरुस्थलीय जिलों में होता है।
– 50 हजार से ज्यादा ग्रामीण कनेक्शन जोधपुर में लाभान्वित होंगे।

– 3 माह तक ग्रामीण कनेक्शन वालों को नहीं मिल रहा था लाभ।
– 15 लाख लीटर पानी जोधपुर जिले में अतिरिक्त उपभोग होगा।
यहां शहरों में नहीं मिल रहा लाभ

शहरों में 15 हजार लीटर प्रति माह पानी उपभोग करने वालों का बिल माफ किया गया। लेकिन शहरी क्षेत्र में सभी घरों में पानी के मीटर चालू स्थिति में नहीं है। ऐसे में 18 से लेकर 22 हजार लीटर प्रति माह के बीच औसत पानी का उपभोग मानकर बिलिंग होती है।
इनका कहना…
मरुस्थलीय क्षेत्रों में योजनाएं 70 लीटर प्रति व्यक्ति उपभोग के हिसाब से बनती है। इसलिए पहले जो घोषणा हुई उसमें कुछ संशय था। अब उस संशय को दूर किया गया है।

– नीरज माथुर, अतिरिक्त मुख्य अभियंता, पीएचईडी जोधपुर।

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