गांव में नहीं जले चूल्हे
इस हादसे के बाद बुधवार शाम को राईकों की ढाणी एवं पूरे गांव में ही माहौल गमगीन हो गया। जिसके चलते ढाणी व गांव के अधिकांश घरों में शाम को चूल्हे भी नहीं जले। यह भी पढ़ें : राजस्थान में सामने आया दिल दहलाने वाला वीडियो: जागरण में युवक के सिर पर कुल्हाड़ी से हमला, खून से हुआ लथपथ अंतिम संस्कार आज
पांचों मृतकों में से तीन जनों के शव हरसौर के अस्पताल में रखे हुए हैं और 2 शव अजमेर के जेएलएन अस्पताल में रखवाए गए हैं। पांचों मृतकों का अंतिम संस्कार गुरुवार को किया जा सकेगा।
दुर्घटना में घायलों के अजमेर जेएलएन अस्पताल पहुंचने पर रेजिडेंट चिकित्सक, नर्सिंग स्टाफ और वार्डबॉय उपचार में जुट गए। वार्डबॉय नारायण 2 साल के मासूम बालक को कंधे पर लिए एक्स-रे, सीटी स्कैन व अन्य जांचों के लिए घूमता रहा। रेजिडेंट डॉक्टर व मेल नर्स नरेश कुमार शर्मा घायलों के उपचार में जुटे रहे। करीब तीन घंटे बाद घायलों के जख्मों पर मरहम-पट्टी हो सकी।
इनकी हुई मौत
हादसे में भंवरी देवी भंवरी देवी देवासी (60), खेराजराम (35) पुत्र मोहनराम, दिव्यांशी (5) पुत्री खेराजराम, डिम्पल (1) पुत्री भागीरथ देवासी व विनिता (3 वर्ष) की मौत हो गई। मातम में बदली खुशियां
ग्रामीण सुनील पाड़ीवाल ने बताया कि मृतक खेराजराम देवासी व उसका भाई भागीरथ गुजरात में रहते हैं। मंगलवार को ही मृतक खेराजराम की बहन को बालुण्डा (बहन के बच्चा पैदा होने के बाद पहली विदाई) की सीख देने का सामाजिक कार्यक्रम रखा गया था। इस उपलक्ष्य में परिवार की ओर से घर पर सवामणी का भी आयोजन किया गया था और खुशी के इस मौके पर परिवार के सभी नाते रिश्तेदार एवं गांव के लोग भी शामिल होने के लिए आए हुए थे। जिसके चलते पूरे परिवार में हंसी-खुशी का माहौल बना हुआ था। इसके बाद बुधवार को ही ये लोग सवामणी का प्रसाद हरनावा धाम पर चढ़ाने एवं वहां दर्शन करने के लिए जा रहे थे। बीच रास्ते में यह हादसा होने से एक दिन पहले तक खुशियां मना रहे इस परिवार में अचानक मातम पसर गया।