पथराव प्रकरण में पुलिस की ओर से पीपाड़ शहर थाने में एफआईआर दर्ज की गई है। साक्ष्य जुटाए जाने के बाद इन आरोपियों को दुबारा गिरफ्तार किया जा सकता है। पथराव करने वालों की पहचान के लिए फोटोग्राफी व वीडियो रिकॉर्डिंग खंगाले जा रहे हैं। इसके बाद और आरोपियों की गिरफ्तारी संभव है।
मुख्यमंत्री के रथ पर पथराव ने पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों के माथे पर चिंता की लकीरें ला दी। मुख्यमंत्री के जोधपुर से जयपुर रवाना होते ही पुलिस ने पीपाड़ शहर में डेरा डाल दिया और पथराव करने वालों की रातभर छापेमारी कर तलाश की गई।
पुलिस का कहना है कि राज्य सरकार ने कुछ समय पहले पीपाड़ शहर पंचायत समिति भवन को रियां में स्थानान्तरित कर दिया गया था, जहां पंचायत भवन निर्माणाधीन है। इसको लेकर कस्बे व आस-पास के लोगों में नाराजगी है। भाजपा के एक स्थानीय पदाधिकारी ने इस्तीफा भी दे दिया था।
मुख्यमंत्री की गौरव यात्रा के जोधपुर संभाग खासकर जोधपुर जिले में पहुंचने के दौरान हल्का विरोध की पुलिस पहले से आशंकित थी, लेकिन यह विरोध मुख्यमंत्री के रथ पर पथराव व कुर्सियां फेंकने जैसा होगा ऐसा आभास नहीं था। जिले के पीपाड़ शहर में पंचायत भवन को स्थानान्तरित करने व कुछ अन्य मुद्दों को लेकर पहले से विवाद था। वहीं, खींवसर विधायक हनुमान बेनीवाल के समर्थकों के विरोध की आशंका थी। इसकी पुलिस व खुफिया एजेंसियों के पास सूचनाएं थी। विरोध की आशंका पुलिस पर किस कदर हावी थी इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि जिले से स्थानान्तरित होकर अन्य जिलों में जा चुके पुलिस अधिकारियों व थानेदारों की भी मदद ली गई।