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RPSC 3rd Grade Teacher भर्ती में हाईकोर्ट का बड़ा फैसला, इन्हें मिलेगी नौकरी

locationजयपुरPublished: Mar 19, 2019 12:42:38 pm

एनसीटीई की ओर से 2011 में जारी गाइडलाइन में तृतीय श्रेणी शिक्षक की पात्रता के लिए शिक्षक पात्रता परीक्षा में 60 प्रतिशत अंक लाना अनिवार्य कर दिया गया।

RPSC Recruitment Exam Dates 2019

RPSC Recruitment Exam Dates 2019

शिक्षक पात्रता परीक्षा के अंकों में नि:शक्तजनों को 20 प्रतिशत छूट नहीं मिलने के मामले में हाईकोर्ट ने तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती में नि:शक्तजनों के 3 प्रतिशत पद सुरक्षित रखने को कहा है। साथ ही, पूछा कि भर्ती में नि:शक्तजनों के कितने पद भरे जा चुके हैं और कितने पद खाली हैं। इस मामले में सरकार की ओर से महाधिवक्ता एम एस सिंघवी पैरवी करेंगे। इस मामले में अब 22 अप्रेल को सुनवाई होगी।

न्यायाधीश मोहम्मद रफीक व न्यायाधीश गोवर्धन बाढदार की खंडपीठ ने नेशनल फेडरेशन ऑफ द ब्लाइंड की जनहित याचिका पर यह अंतरिम आदेश दिया। प्रार्थीपक्ष की ओर से अधिवक्ता जय लोढ़ा व फेडरेशन के महासचिव एस के रूंगटा ने न्यायालय को बताया कि एनसीटीई की ओर से 2011 में जारी गाइडलाइन में तृतीय श्रेणी शिक्षक की पात्रता के लिए शिक्षक पात्रता परीक्षा में 60 प्रतिशत अंक लाना अनिवार्य कर दिया गया, लेकिन सरकार को अनुसूचित जाति, जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग व नि:शक्त अभ्यर्थियों को अंकों में छूट देने की स्वतंत्रता दी।


राज्य सरकार ने मार्च 2011 में इसके तहत पात्रता अंकों में 20 प्रतिशत की शिथिलता दी। इसके बावजूद 2017 की तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती, लेवल-प्रथम में नि:शक्तजनों के तीन प्रतिशत पदों के लिए कोई छूट नहीं दी गई और 2018 की भर्ती के विज्ञापन में भी कोई छूट नहीं दी गई। यह भी बताया कि इस बीच 2016 में नि:शक्तजन संबंधी कानून में संशोधन कर आरक्षण 3 से बढ़ाकर 4 प्रतिशत कर दिया है। शिक्षक भर्ती के लिए जारी विज्ञापन में 3 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान रखा गया। इसके तहत दृष्टिबाधित अभ्यर्थियों के लिए 378 पद निर्धारित किए गए, जिनमें से 133 पर ही अभ्यर्थियों को चयन के लिए पात्र माना गया। शेष 245 पद खाली रह गए।

याचिका में तीन प्रतिशत पदों को खाली रखने और इस वर्ग के अभ्यर्थियों को पात्रता परीक्षा रीट के अंकों में 20 प्रतिशत शिथिलता देने का आग्रह किया गया है। न्यायालय ने राज्य सरकार से इस मामले में जवाब मांगा है। इस मामले में सुनवाई के दौरान महाधिवक्ता सिंघवी हाजिर हुए और न्यायालय से कहा कि इस मामले में वे सरकार का पक्ष रखेंगे।

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