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RNTCP recruitment 2018 – सीनियर ट्रीटमेंट सुपरवाइजर एवं अन्य के 16 पदों पर भर्ती, करें आवेदन

Published: Feb 22, 2018 06:19:36 pm

RNTCP recruitment 2018, पुनरीक्षित राष्ट्रीय यक्ष्मा नियंत्रण कार्यक्रम ( RNTCP ) रांची ने सीनियर ट्रीटमेंट सुपरवाइजर एवं अन्य के 16 रिक्त पदों पर

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RNTCP recruitment 2018, पुनरीक्षित राष्ट्रीय यक्ष्मा नियंत्रण कार्यक्रम ( RNTCP ) रांची ने सीनियर ट्रीटमेंट सुपरवाइजर एवं अन्य के 16 रिक्त पदों पर भर्ती के लिए आवेदन आमंत्रित किए हैं। इच्छुक व योग्य उम्मीदवार 2 मार्च 2018 तक आवेदन भेज सकते हैं।
पुनरीक्षित राष्ट्रीय यक्ष्मा नियंत्रण कार्यक्रम ( RNTCP ) में रिक्त पदों का विवरणः

सीनियर ट्रीटमेंट सुपरवाइजर- 10 पद
सीनियर ट्यूबरकुलोसिस लेबोरेट्री सुपरवाइजर- 2 पद
ट्यूबरकुलोसिस हेल्थ विजिटर- 2 पद
लेबोरेट्री टेक्नीशियन- 2 पद

पुनरीक्षित राष्ट्रीय यक्ष्मा नियंत्रण कार्यक्रम ( RNTCP ) में रिक्त पदों पर आवेदन करने के लिए योग्यता मानदंड व शैक्षिक योग्यता:
सीनियर ट्रीटमेंट सुपरवाइजर: बैचलर डिग्री या मान्यता प्राप्त सेनेट्री इंसपेक्टर कोर्स,पात्रता मानदंड, शैक्षिक योग्यता संबंधी अधिक जानकारी के लिए उम्मीदवार नीचे दिए गए अधिसूचना लिंक पर क्लिक कर सकते हैं।
आयु सीमा:
18 से 65 वर्ष

पुनरीक्षित राष्ट्रीय यक्ष्मा नियंत्रण कार्यक्रम ( RNTCP ) में रिक्त पदों पर आवेदन कैसे करें:

योग्य उम्मीदवार विभागीय वेबसाइट www.ranchi.nic.in से आवेदन का प्रारूप डाउनलोड करके ईमेल आईडी dtojhrnc@rntcp.org पर भरकर भेज सकते हैं।
महत्वपूर्ण तिथि:
आवेदन जमा करने की अंतिम तिथि: 2 मार्च 2018

RNTCP recruitment notification 2018:

पुनरीक्षित राष्ट्रीय यक्ष्मा नियंत्रण कार्यक्रम ( RNTCP ) रांची ने सीनियर ट्रीटमेंट सुपरवाइजर एवं अन्य के 16 रिक्त पदों पर भर्ती के लिए विस्तृत अधिसूचना यहां क्लिक करें।
पुनरीक्षित राष्ट्रीय यक्ष्मा नियंत्रण कार्यक्रम ( RNTCP ) का परिचयः

देश में क्षयरोग (टीबी) की गंभीर समस्‍या है। दुनिया के क्षयरोग पीड़ितों का पांचवां हिस्‍सा यहीं पाया जाता हैं। यहां हर वर्ष करीब 18 लाख क्षयरोगी बढ़ जाते हैं। इनमें से करीब 8 लाख क्षयरोगी स्‍मीयर पॉजीटिव, अर्थात् ऐसे होते हैं जिनसे यह बीमारी दूसरों को होने का बहुत अधिक खतरा होता है। इसके एक रोगी से एक वर्ष में औसतन 10-15 लोगों को संक्रमण होता है। हमारे देश में इस रोग से हर तीसरे मिनट में दो लोगों की और प्रतिदिन एक हजार लोगों की मौत होती है।
देश में वर्ष 1962 राष्ट्रीय क्षयरोग नियंत्रण कार्यक्रम (एनटीसीपी) शुरू किया गया था, लेकिन इसमें खास सफलता नहीं मिली। अत: कम से कम 85 प्रतिशत रोगियों के इलाज ओर 70 प्रतिशत रोगियों की पहचान करने के उद्देश्‍य से संशोधित राष्ट्रीय क्षयरोग नियंत्रण कार्यक्रम (आरएनटीसीपी) डॉट्स प्रणाली के साथ 26 मार्च, 1997 को शुरू किया।
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