डीएसपी धर्मबीर सिंह व सीआइए इंचार्ज वीरेन्द्र खर्ब ने पूरे मामलें का खुलासा प्रेसवार्ता के दौरान किया। डीएसपी ने बताया कि सीआईए को गुप्त सूचना मिली कि कुछ युवक भिवानी रोड़ पर कहीं बैठे हैं और उनके पास भारी संख्या में चोरी के मोबाइल हैं। सभी युवक दिल्ली जाकर मोबाईल बेचने की तैयारी में हैं। अगर पुलिस तुरंत कार्रवाही करे तो सभी युवक पुलिस की गिरफ्त में होंगे। सूचना मिलते ही सीआइए टीम इंचार्ज वीरेन्द्र खर्ब ने एचसी प्रवीन कुमार व अमित की टीम को तुरंत मौके पर भेजा और वहां मौजूद तीनों युवकों परमजीत उर्फ बंटी, अमित उर्फ पलादा उर्फ मास व विरेन्द्र उर्फ बिंद्र को धर लिया। पुलिस की गहन पूछताछ में युवकों ने बताया कि उनके गिरोह में चार सदस्य हैं जिनका सरगना परमजीत हैं। जबकि परमजीत का सगा भाई अजीत अभी फरार हैं जिसे पुलिस जल्द गिरफ्तार कर लेगी।
डीएसपी ने बताया कि परमजीत अपने दो साथियों के साथ सायं 6 बजे अपने बाईक पर सवार होकर निकलता था और रास्ते में जहां भी कोई ऐसा व्यक्ति या महिला मिलती तो उसका मोबाईल छीनकर भाग जाते थे। इतना ही नहीं बाईक पर सवार तीन युवकों में से दो युवक थोड़ी दूरी पर जा कर उतर जाते थे ताकि पुलिस को यह लगे की घटना को अंजाम देने वाले बाईक सवार तीन युवक हैं। यह तीनों युवक लगभग 22 से 25 वर्ष की उम्र के बीच हैं तथा छीने गए मोबाइलों को अपने ही संबंधी मित्रों के पास दे आते थे। पुलिस ने तीनों युवकोंं से 27 मोबाईल व बाइक भी बरामद किया हैं। यह तीनों युवक रविवार को सभी मोबाइल दिल्ली बेचनें के लिए निकलने ही वाले थे कि पुलिस के हत्थे चढ़ गए। उन्होंने बताया कि परमजीत के खिलाफ दो लड़ाई झगड़ा व अन्य मामला भी दर्ज हैं। इसके साथ ही मोबाईल छीनने के लगभग 6 मामलें दर्ज हैं। पुलिस ने तीनों के खिलाफ विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज कर आगामी कार्रवाई करते हुए सोमवार को अदालत में पेश कर दो दिन के लिए रिमांड पर लिया हैं ताकि अन्य वारदातों का भी खुलासा हो सके।