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सीएम के चुनाव दाव से हरियाणा में सस्ती हुई बिजली

locationजींदPublished: Sep 11, 2018 10:45:34 pm

जींद में कई विकास परियोजनाएं घोषित करके चर्चा में हुए मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने मंगलवार को भी सदन में अपनी बैटिंग जारी रखते हुए विपक्ष से एक बड़ा मुद्दा छीन लिया।

सीएम के चुनाव दाव से हरियाणा में सस्ती हुई बिजली

सीएम के चुनाव दाव से हरियाणा में सस्ती हुई बिजली


चंडीगढ। जींद में कई विकास परियोजनाएं घोषित करके चर्चा में हुए मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने मंगलवार को भी सदन में अपनी बैटिंग जारी रखते हुए विपक्ष से एक बड़ा मुद्दा छीन लिया। चुनावी मोड पर चल रही मनोहर सरकार ने गरीब व मध्यमवर्गीय परिवारों को सप्लाई होने वाली बिजली के दामों में 46.4 प्रतिशत तक कटौती कर दी है। सरकार के इस फैसले का फायदा 41 लाख 53 हजार परिवारों को मिलेगा। 500 रुपये मासिक तक बिजली यूनिट में सीएम ने 2 रुपये प्रति यूनिट कम करने का ऐलान किया है। सीएम मनोहर लाल ने सदन में यह घोषणाएं की तो सत्ता पक्ष के विधायकों ने मेज थपथपा कर उनका स्वागत किया।


शून्यकाल के दौरान जब विधायकों द्वारा महंगी बिजली के मुद्दे को उठाया गया तो मुख्यमंत्री ने सरकार की तरफ से मोर्चा संभाला और कहा कि सरकार ने गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले परिवारों को दो रुपये प्रति यूनिट के हिसाब से बिजली देने का फैसला लिया है। ऐसे परिवारों के लिए यह दरें प्रतिमाह 50 यूनिट तक के इस्तेमाल पर लागू होंगी। इसी तरह से गरीबों एवं मध्य वर्ग के परिवारों को भी दो रुपया प्रति यूनिट दामों में कमी की गई है।

200 यूनिट तक प्रतिमाह इस्तेमाल करने वाले परिवारों को अब 4 रुपये 50 पैसे की बजाए ढाई रुपया प्रति यूनिट के हिसाब से बिजली मिलेगी। यही नहीं, 200 से लेकर 500 यूनिट तक मासिक इस्तेमाल करने वालों को भी इस स्लैब का फायदा मिलेगा। यानी उन्हें भी दो रुपया सस्ती बिजली हासिल होगी। 200 यूनिट तक मासिक इस्तेमाल करने वाले उपभोक्ताओं को अभी 937 रुपये बिल देना होता है। नई दरों के बाद उनका बिल 500 रुपये होगा। यानी सीधे तौर पर 437 रुपये का मासिक फायदा।


हरियाणा में बिजली के बिल हर दो महीने में आते हैं। ऐसे में घटी हुई दरें दोनों महीनों के हिसाब से भी लागू होंगी। सीएम ने कहा कि प्रदेश में यह पहला मौका है जब बिजली के दामों में कमी की गई है। इससे पहले ऐसा कभी नहीं हुआ। एफएसए (फ्यूल सरचार्ज एडजस्टमेंट) की दरें बेशक कम होती रही हैं। 2017 में भी सरकार ने एक रुपया तक एफएसए में कटौती की थी। सरकार की इस पूरी कवायद को आगामी लोकसभा एवं विधानसभा चुनावों से जोडकऱ देखा जा रहा है।

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